ये पांच खिलाड़ी मैच में हुए फिसड्डी साबित , वरना भारत आती फाइनल की ट्रॉफी

by Kakajee News

साउथम्पटन में खेले गए आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को 8 विकेट से शिकस्त दी। इस जीत के साथ कीवी टीम ने पहली बार आयोजित की गई डब्ल्यूटीसी ट्रॉफी जीतने का इतिहास रचा। खिताबी मुकाबले में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के तूफाऩी गेंदबाजों के आगे खुलकर नहीं खेल पाई। सपाट पिचों पर रन बरसाने वाले टीम इंडिया के बल्लेबाजों को सांप सूंघ गया। फाइनल मैच में टीम के उन खिलाड़ियों ने भी निराश किया जिन्हें विदेशी मैदानों पर रन बनाने का तमगा मिला हुआ है। इसके अलावा भारत के कुछ नामी गेंदबाजों ने भी निराश किया और वे विकेट लेने के लिए तरसते रहे। आइए हम आपको बताते हैं आखिर वे भारत के कौन से पांच खिलाड़ी हैं जिनकी वजह टीम इंडिया को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। 

विराट कोहली
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को इंग्लैंड की परिस्थितियों में बल्लेबाजी करना काफी पसंद है। पिछले इंग्लैंड दौरे में भले ही भारत को टेस्ट सीरीज में हार मिली हो लेकिन विराट के बल्ले ने रन उगले थे। इस बार फाइनल में उनसे उम्मीद थी कि वह करिश्माई प्रदर्शन करते हुए टीम को खिताब जिताएंगे। वाबजूद इसके विराट मैच में अच्छा नहीं कर सके। उन्होंने पहली पारी में 44 और दूसरी इनिंग्स में महज 13 रन बनाए। कोहली अगर चल जाते तो भारत की जीत तय थी। 

रोहित शर्मा
हिटमैन रोहित शर्मा को बड़े मैचों का खिलाड़ी माना जाता है। इसे वह कई  बार साबित भी कर चुके हैं। 2019 विश्व कप की बात की जाए तो उन्होंने इंग्लैंड की धरती पर 5 शतक लगाते हुए सबसे ज्यादा रन बनाए थे। लेकिन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल मैच में रोहित की बैटिंग को ग्रहण लग गया। हिटमैन इस मैच में दोनों पारियों में अच्छी शुरुआत करने के बावजूद आउट हुए। उऩ्होंने पहली पारी में 34 और दूसरी इनिंग्स में 30 रन बनाए। खिताबी मुकाबले में रोहित उस टच में नहीं दिखे जिसके लिए वह जाने जाते हैं। इसलिए भारत की हार के लिए रोहित भी जिम्मेदार हैं। 

चेतेश्वर पुजारा
पुजारा को भारत का सबसे भरोसेमंद टेस्ट बल्लेबाज माना जाता है। लेकिन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में उन्होंने करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उनकी बल्लेबजी को देखकर लगा कि जैसे वह खोए हुए हैं। पुजारा ने पहली पारी में 54 गेंदों पर 8 रन बनाए जबकि दूसरी इनिंग्स में वह 80 गेंदों पर 15 रन बनाकर आउट हुए। जब कोई विश्व प्रसिद्ध बल्लेबाज करो या मरो वाले मुकाबले में 23 रन बनाएगा तो टीम कैसे जीतेगी? 

अजिंक्य रहाणे
रहाणे भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा इसलिए हैं कि वह विदेशों पिचों के मास्टर बल्लेबाज हैं। उन्होंने विदेशी धरती पर कई बार टेस्ट में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए शतक लगाए हैं। फाइनल मैच की पहली पारी में 49 रन बनाने वाले रहाणे दूसरी इनिंग्स में सिर्फ 15 रन बना पाए। इस तरह उन्होंने पूरे मैच में 64 रन बनाए जो भारत की जीत के लिए नाकाफी थे। कुल मिलाकार मैच में अजिंक्य रहाणे भी दूसरे बल्लेबाजों की तरह प्लॉप रह। 

जसप्रीत बुमराह
कहा जाता है कि जसप्रीत बुमराह की काट दुनिया के किसी बल्लेबाज के पास नहीं है। वह जब चाहें तब विकेट ले सकते हैं। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों ने इस भ्रम को दूर कर दिया। फाइनल शुरू होने से पहले सचिन ने भी कहा था कि बुमराह का अजीबोगरीब एक्शन कीवियों के लिए परेशानी बनेगा। लेकिन वह पूरे मैच के दौरान बेरंग दिखे। बुमराह जब भी गेंदबाजी करने आए तो न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को उनकी गंदे खेलने में कोई दिक्कत नहीं हुई। बुमराह इस मैच की दोनों पारियों में एक भी विकेट नहीं ले पाए। 

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