शादी में छह फेरे लेने के बाद रुक गई दुल्‍हन , बोली- दूल्हा पसंद नहीं अब नहीं करूंगी शादी, फिर रात में ही बुलाई पंचायत

by Kakajee News

महोबा। उत्तरप्रदेश के महोबा में दुल्‍हन (Bride) के द्वारचार, जयमाल और चढ़ावे की रस्‍म के बाद सात फेरों के दौरान ने शादी से इनकार कर दिया। इसके बाद रात में पंचायत भी हुई, लेकिन दुल्‍हन शादी न करने की जिद पर अड़ी रही, जिसकी वजह से बारात वापस लौट गई। जैसे ही दुल्‍हन ने छह फेरे लेने के बाद शादी करने से मना किया तो हड़कंप मच गया, इसके बाद रात में ही पंचायत बुलाई गई, यह मामला इस वक्‍त पूरे इलाके में चर्चा का कारण बना हुआ है।
गुरुवार को उत्‍तर प्रदेश के महोबा में झांसी के कुलपहाड़ तहसील के एक गांव से बारात पहुंची थी, इस दौरान दुल्‍हन पक्ष ने बारातियों का जोरदार स्वागत किया, तो ढोल-नगाड़ों की थाप पर जमकर डांस करने वाले के बाद सबने खुशी से दावत उड़ाई। वहीं, द्वारचार और जयमाल की रस्म अदायगी की गई, इस दौरान दुल्हन और दूल्हे ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई, तो दोनों पक्षों के लोगों ने जमकर फोटो खिंचवाए, इसके बाद सात फेरों का कार्यक्रम भी शुरू हुआ, लेकिन यहीं दुल्हन ने छह फेरे के बाद शादी से इनकार कर दिया। इस दौरान परिवारीजनों ने दुल्हन से वजह पूछी तो उसने कहा, ‘मुझे दूल्हा पसंद नहीं, इसलिए शादी नहीं करूंगी।’
इस शादी के दौरान जयमाल कार्यक्रम के बाद दुल्‍हन और दूल्‍हन के साथ खास रिश्तेदारों और दोस्तों ने खाना भी था, तो आधी रात को दूल्ह के पक्ष के लोगों ने जेवर चढ़ावे की रस्म को पूरा किया, इसके बाद मंडप के नीचे वैदिक मंत्रोच्चारण दूल्हा और दुल्हन अग्नि के फेरे ले रहे थे यहीं नहीं, दोनों 6 फेरे पूरे कर चुके थे, लेकिन सातवें फेरे में दुल्हन रुक गई, इसके बाद सभी ने हैरानी भरे लहजे में दुल्‍हन से वजह पूछी तो उसने कहा कि मैं शादी नहीं करूंगी, फिर वह गठबंधन की गांठ खोलकर अपने कमरे में चली गई, इसके बाद सभी के होश उड़ गए।
सातवें फेरे से इनकार को लेकर दुल्‍हन के माता और पिता उससे वजह पूछी तो उसने कहा कि मुझे दूल्हा पसंद नहीं है, इसलिए शादी नहीं करूंगी, हालांकि इसके बाद दोनों पक्ष के लोग दुल्हन को कई घंटे तक समझाते रहे, लेकिन उसने किसी की बात नहीं मानी, इसके बाद आधी रात को तमाम लोगों की उपस्थिति में पंचायत हुई और इस दौरान भी दुल्हन अपनी जिद पर अड़ी रही। इस दौरान विवाद से भड़के दूल्‍हे के पिता ने कहा कि जब शादी से इनकार करना था तो जयमाल और चढ़ावे की रस्म क्यों कराई, हालांकि कुछ देर बाद दोनों पक्षों में आपसी सहमति बनी और बारात बैरंग लौट गई।

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