सीमाओं के बंधन को तोड़कर भारत के युवक और बांग्लादेश की युवती ने सोशल मीडिया के जरिए पहले तो प्यार का इजहार किया और फिर शादी भी रचा ली। लेकिन उनकी इस स्टोरी में बाधा उस वक्त आ गई, जब वे दोनों अवैध रूप से भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे थे। तभी बीएसएफ ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। युवक की पहचान पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के 24 वर्षीय जयकतो चंद्र राय के तौर पर हुई है। वहीं युवती का नाम परिणीति है, जो बांग्लादेश के नरैल जिले की रहने वाली है। दोनों को बीएसएफ ने अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश में 26 जून को गिरफ्तार कर लिया।
बीएसएफ के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘मानव तस्करी करने वाले लोगों ने अब नए तरीके अपना लिए हैं। शादी के बहाने लाकर महिलाओं को सेक्स के धंधे में धकेल दिया जाता है। हालांकि इस मामले में पूरी जांच के बाद भी कोई खामी नहीं पाई गई। यह सच्ची लव स्टोरी मालूम पड़ती है। दोनों ही परिवारों को शादी के बारे में जानकारी है और उनकी ओर से सहमति दी गई है।’ बीएसएफ के अधिकारियों के मुताबिक कपल की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी। दोनों ही तीन से 4 साल से संपर्क में थे। फेसबुक के बाद दोनों के बीच फोन पर बातें होने लगी थीं।
यह लव स्टोरी कई सालों से चल रही थी। इसी बीच लड़की के परिजनों ने कहा कि अब दोनों को शादी कर लेनी चाहिए। बीएसएफ के अधिकारी ने बताया, ‘युवक का कहना है कि वह अवैध तौर पर बांग्लादेश में एंट्री करना चाहता था, लेकिन उसके लिए दस्तावेजों की जरूरत होती और यह प्रक्रिया लंबी होती। खासतौर पर कोरोना काल में इसमें और अधिक समय लगता। ऐसे वह एक दलाल के जरिए चला गया। 8 मार्च को वह बांग्लादेश चला गया था और 10 तारीख को शादी कर ली। इसके बाद दोनों 25 जून तक बांग्लादेश में ही रहे।’
दरअसल दोनों के पास ही कोई वैध दस्तावेज नहीं थे और इस बीच उन्होंने अवैध रूप से ही भारत में घुसने का प्रयास किया। राजू मंडल नाम के बांग्लादेश के एक दलाल ने उन्हें भारत में एंट्री कराने के लिए 10,000 रुपये की रकम भी वसूली थी। लेकिन दोनों को सीमा पर ही पकड़ लिया गया। युवक ने पढ़ाई छोड़ दी थी और मिस्त्री के तौर पर काम करता है। वहीं युवती बांग्लादेश में ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रही थी। हमने दोनों के कागजों की चेकिंग की है और पाया कि दोनों ने अपने परिवारों की मर्जी से ही शादी की है। दोनों को ही फिलहाल स्थानीय पुलिस को सौंप दिया हया है। एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले में युवक को तो बेल मिल जाएगी, लेकिन महिला को भारत की नागरिकता मिलने तक शेल्टर होम में ही रहना होगा।