रायगढ़। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में भी शिक्षा की निरंतरता को बनाए रखने के उद्देश्य से जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.पी.आदित्य व जिला मिशन समन्वयक श्री रमेश देवांगन द्वारा आज जिले के विभिन्न शासकीय स्कूलों का सघन निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए गए।
उल्लेखनीय है कि विगत शैक्षणिक सत्रों के दौरान कोरोना काल के कठिन परिस्थितियों के बीच स्कूल शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव डॉ.आलोक शुक्ला के कुशल मार्गदर्शन में डिजिटल शिक्षा की नींव रखते हुए, एनआईसी द्वारा तैयार पढ़ई तुंहर दुआर के माध्यम से सभी सरकारी स्कूल के शिक्षक तथा विद्यार्थियों हेतु ऑनलाइन पढ़ाई प्रारंभ की गई थी। ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत करते हुए रायगढ़ जिला छत्तीसगढ़ राज्य में सर्वाधिक विद्यार्थियों को ऑनलाइन कक्षा में शामिल करने में अव्वल रहा। सीखने के प्रतिफल प्राप्त करने, क्षमता विकास व उनकी समझ को विकसित करने के महती उद्देश्य के साथ ऑनलाइन व ऑफ लाइन कक्षाओं के संचालन में भी जिले ने इतिहास रचा। विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन द्वारा शिक्षा की निरंतरता को बनाए रखने व विद्यार्थियों से सतत् जुड़े रहने हेतु कलेक्टर श्री भीम सिंह के निर्देशन में जिले का यह अथक प्रयास व सफलता किसी उपलब्धि से कम नहीं था। वर्तमान सत्र में भी अपने इसी उद्देश्य को लिए विभिन्न विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी श्री आदित्य द्वारा शासकीय आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल नटवर रायगढ़, शासकीय हाई, उच्चतर माध्यमिक, प्राथमिक शाला गोरखा, हाई, हायर सेकेंडरी स्कूल तथा बालक व कन्या प्राथमिक शाला किरोड़ीमल नगर रायगढ़ सहित जिला ग्रंथालय रायगढ़ का सघन निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल रायगढ़ के निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी ने यहां संचालित हो रही ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं के नियमित संचालन व उचित व्यवस्था तथा निर्माणाधीन कार्यों का निरीक्षण कर संबंधित ठेकेदार को प्रयोगशाला सहित सभी कक्षा कमरों के शीघ्र निर्माण व उन्हें ठीक करने के निर्देश दिये। सभी प्राथमिक शालाओं में ईजीएल का भी निरीक्षण किया गया। साथ ही सभी विद्यालयों के प्राचार्यों/संस्था प्रमुखों को ऑनलाइन व ऑफलाइन कक्षाओं की व्यवस्था बनाए रखने हेतु निर्देशित किया गया। ऑफ लाइन कक्षाएं पालकों की सहमति तथा बच्चों की उपस्थिति के आधार पर एकांतर क्रम में, कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए एवं बच्चों की स्वास्थ्य व सुरक्षा का पूर्णतया ध्यान रखते हुए स्कूल परिसर का उपयोग करते हुए, बरामदा अथवा परिसर की खुली व स्वच्छ जगहों पर संचालित की जा सकती है। साथ ही यह ध्यान रखा जाए कि किसी भी स्थिति में विद्यालय की कक्षा कमरों में पढ़ाई संचालित न कराई जाये।