हाल के दिनों में खुलासा हुआ है कि जम्मू कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास आतंकवादी निगरानी करने या हमला करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब यह खबर भी आ रही है कि नक्सली भी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस खबर के सामने आने के बाद देश की आतंरिक सुरक्षा को लेकर महाराष्ट्र ने चिंता जताई है। रिपोर्ट्स की मानें तो नक्सली छत्तीसगढ़ के नजदीक बने पुलिस पोस्ट पर निगरानी रखने के लिए छोटे ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले 4-5 महीनों में ऐसी 7-8 घटनाएं हुई हैं जिससे नक्सलियों द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल किये जाने की बात सामने आई है।
गढ़चिरौली के डीआईजी, संदीप पाटिल ने कहा है कि ‘पिछले 4-5 महीनों में हमने इस तरह की 7-8 घटनाएं देखी हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हम एंट्री-ड्रोन उपायों को लेकर हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं।’ आपको बता दें कि 7 जून को सुकमा के दोरनापाल में संदिग्ध ड्रोन देखा गया था। जिसके बाद सिक्योरिटी फोर्स के बीच हड़कंप मच गया था। इसके बाद नक्सली इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों ने सभी सुरक्षा बलों को अलर्ट किया है कि संदिग्ध ड्रोन पर नज़र रखी जाए।
नक्सली, सुकमा-बस्तर समेत कई इलाकों में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की फिराक में रहते हैं। बताया जाता है कि नक्सली इन ड्रोनों का इस्तेमाल क्षेत्रों की रेकी करने और इन इलाकों में सुरक्षा बलों की स्थिति का पता लगाने के लिए करते हैं। कुछ समय पहले गढ़चिरौली और दक्षिण बस्तर में नक्सलियों के पेलोड ड्रोन खरीदने की खबर भी सामने आई थी। नक्सलियों के द्वारा ड्रोन इस्तेमाल करने की खबरें सामने आने के बाद फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और वो ‘लाल आतंक’ की साजिश को नाकाम करने की कोशिश में जुटी हुई हैं।
इसी साल जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर 26-27 जून की रात को ड्रोन से दो बार हमले किये गये थे। इस हमले के बाद से हड़कंप मच गया था। हमले में एक कर्मी जख्मी हो गया था। बाद में खुलासा हुआ था कि इस हमले में जीपीएस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि इस घटना के बाद से अब तक जम्मू कश्मीर में भारतीय सीमाओं के पास कई बार संदिग्ध ड्रोन देखे गये हैं। यहां आतंकियों द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल की बात उजागर होने के बाद से सुरक्षाबल काफी सक्रिय हैं।