जिले के शराब दुकानों का जिम्मा बाहरी व्यक्तियों पर, गड़बड़ी के बाद स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा परेशानी

by Kakajee News

रायगढ़. नई आबकारी नीति के तहत जब से सरकार के द्वारा शराब दुकान का संचालन किया जा रहा है तब से लेकर अब तक शराब दुकानों में गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही है। आबकारी विभाग व प्लेसमेंट एजेंसी के सांठगांठ से रायगढ़ जिले में संचालित शराब दुकानों में शराब में पानी मिलाने का मामला हो या नगदी रकम की हेराफेरी का। इन मामलों में दोषियों के चेहरे बेनकाब होनें के बावजूद उस पर बगैर किसी बड़ी कार्रवाई के एक दुकान से दूसरे दुकान उसका ट्रांसफर कर दिया जाता है।


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्लेसमेंट एजेंसी ,आबकारी विभाग एवं लोकेशन मैनेजर के सांठगांठ के कारण बाहरी व्यक्तियों को जिले में संचालित शराब दुकान का सुपरवाईजर बनाया जाता है, और उक्त सेल्समेन के द्वारा मनमाने तरीक से शराब दुकान का संचालन करने के साथ-साथ हिसाब किताब में बड़ी गड़बड़ी कर दी जाती है जिसका खामियाजा वहां सेल्समेन के रूप कार्यरत कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। बाहरी लोगों को सुपरवाईजर बनाए जाने के बाद उनके द्वारा की गई हेराफेरी के चलते स्थानीय सेल्समेनों का वेतन काटा जाता है और अभी चार महीनों से उनका वेतन रोक दिया गया है जिससे उनके परिवार के सामने परेशानी उत्पन्न होते जा रही है।


शहर में संचालित शराब दुकान में देशी व विदेशी दुकान में प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा बाहर से लोगों को बुलाकर भर्ती किया जा रहा है और स्थानीय लोगोें की अपेक्षा की जा रही है और उन्हें ही सुपरवाईजर बना दिया जा रहा है। जबकि कई सुपरवाईजर आबकारी विभाग को चुना लगा चुके हैं। प्लेसमेंट एजेंसी और आबकारी विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ के कारण अन्य कर्मचारी परेशान हैं। पिछले माह के रिकार्ड के अनुसार जिले के शराब दुकानों में 47 सुपरवाईजर, 119 सैल्समेन, 46 एमपीडब्ल्यू मिलाकर कुल 215 कर्मचारी हैं।


नहीं होती कार्रवाई
रायगढ़ जिले में संचालित शराब दुकानों में लगातार शिकायतें मिलते ही रही है। आए दिन कोई न कोई शराब दुकान अखबारों की सुर्खियां बनते रहा है। परंतु आबकारी विभाग इन मामलों में कार्रवाई करने में कोई रूचि दिखाता ही नही। यही वजह है कि शराब दुकानों में ओवर रेट, शराब में पानी मिलावट की शिकायतें के अलावा सुपरवाईजर के द्वारा चंद रूपयो के लालच में नियम से विपरीत अधिक शराब बेचे जाने की शिकायत आते रहती है। यही वजह है कि इन दिनों हर गली मोहल्लों में अवैध शराब के कारोबार में बढ़ोतरी भी हुई है।


केस.1
माह फरवरी 2021 में विदेशी चक्रधर नगर शराब भटटी के लोकेशन आफिसर राजकुमार जायसवाल द्वारा दुकान के अंदर चोरी कराकर 11 लाख रूपए का गबन किया गया, जिसका एफआईआर चक्रधर नगर थाने में दर्ज किया गया है।


केस.2
माह मई में युवराज पटेल के द्वारा ऑनलाईन बिक्री के दौरान करीब 13 लाख रूपए की आफलाइन बिक्री की गई जिसका फायदा प्लेसमेंट एजेंसी और आबकारी विभाग के अधिकारियों को होनें से इंकार नही किया जा सकता।


केस.3
पंकज गुप्ता पूर्व में कोरबा में लोकेशन आफिसर के पद पर पदस्थ था, जो वहां सभी प्लेसमेंट कर्मचारियों को शराब में पानी मिलाने और ओवररेटिंग करने के लिए प्रताड़ित करता था। जिसकी शिकायत कोरबा आबकारी कार्यालय द्वारा कोरबा केलक्टर से की गई थी। इसके बाद भी उसे रायगढ़ के चक्रधर नगर शराब दुकान में पदस्थ किया गया है।


केस.4
पूर्व में विजयुपर शराब दुकान में बाहर से आए सुपरवाईजर अमित साहू द्वारा करीब एक लाख से अधिक की गड़बड़ी की गई। उसके बाद वह रायगढ़ से फरार हो गया। जिसके कारण यहां के अन्य कर्मचारियों का पेमेंट प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा नहीं दिया जा रहा है।

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