सहकारिता पुरुष एवं साहित्यकार ठाकुर जीवन सिंह जी अब नइ रहिन

by Kakajee News

ठाकुर जीवन सिंह सहकारिता पुरुष के जन्म 22 अगस्त , 1937 म ग्राम भैंसदा वर्तमान जिला जांजगीर चांपा म एक संपन्न किसनहा परिवार म होय रहिस ।
उंखर पहचान जिला सहकारी बैंक में गांव किसान के आगू बढ़के मदद करैया के कारण सहकारिता पुरुष के नाम से रहीस। रायगढ़ जिला ले गहरा संबंध रहीस।


बहुत अच्छा साहित्यकार भी रहीन। अभी तक हिन्दी अउ छत्तीसगढ़ म गद्य अउ पद्य के डेढ़ दर्जन किताब साहित्य जगत ला समर्पित कर चुके हे।
आपके परकासित कृति के नाम हे ( 1 ) भड़ास ( 2 ) बुरे फंसे ( 3 ) गुबार , ( 4 ) दूबर ल दू असाढ़ ( छत्तीसगढ़ी ) ( 5 ) मुक्ति पथ ( 6 ) त्रेता का विद्रोह ( 7 ) पत्थर पुरुष और नारी ( 8 ) दिशा बोध ( 9 ) हिले नही हिलाने वाला ( 10 ) नीति समुच्चय , भाव संचरण ( 12 ) बात निकलती बातों से ( पंचतंत्र के पद्य रूपान्तरण ) ( 13 ) अमृत कुंभ ( चाणक्य सूत्र का पद्य रूपान्तर ) ( 14 ) गीतामृत ( गीता का सरल अनुवाद ) ( 15 ) ऋतुओं की धूप ( 16 ) बिल्ली मौसी ( बाल साहित्य ) । दिनांक 26 अगस्त गुरुवार के एक बजे उंकर बिलासपुर म स्वर्गवास हो गए हे।

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