क्या आत्माएं सच में मौजूद होती हैं? इस सवाल का अब तक कोई ठोस उत्तर नहीं मिल पाया है। धर्म के अनुसार आत्माएं होती हैं। उनका अस्तित्व हमारे बीच ही होता है। वहीं विज्ञान धर्म के इस दावे को सिरे से खारिज करता है। उसके मुताबिक अब तक इस रहस्य का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है। ऐसे में उनके अस्तित्व को स्वीकारा नहीं जा सकता है। सदी के सबसे मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन से जब भूत-प्रेत के विषय में पूछा गया, तो उन्होंने बताया था कि ऊर्जा इस ब्रह्मांड से नष्ट नहीं होती है।
ऐसे में कई लोगों का कहना है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी उसकी आत्मा इसी ब्रह्मांड में रहती है। थर्मोडायनामिक्स के सिद्धांत भी इस बात को प्रमाणित करते हैं कि ऊर्जा न तो बन सकती है और न ही मिट सकती है। वह केवल एक जगह से दूसरी जगह अपना स्वरूप बदलती है। ऐसे में आत्मा भी कभी नष्ट नहीं होती होगी। इसी कड़ी में आज हम भूत-प्रेत और आत्मा के रहस्य को जानेंगे और इस विषय में 21 ग्राम थ्योरी क्या कहती है? उसका भी पता लगाएंगे।
विज्ञान के मुताबिक व्यक्ति के मरने के बाद मिट्टी में उसका शरीर डिकम्पोज होने लगता है। वही शरीर बाद में डिकम्पोज होकर एक पेड़ बनता है, जिसका सेवन जानवर करते हैं। अर्थात ऊर्जा एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित होती रहती है। ये तो बात रही व्यक्ति के शरीर की, पर मुख्य सवाल ये है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा कहां जाती है?
ऊर्जा का कभी भी नष्ट न होने वाला नियम आत्मा पर भी लागू जरूर होता होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि जब आत्मा नष्ट नहीं हो सकती है, तो उसका क्या होता है? Duncan MacDougall नाम के एक मशहूर वैज्ञानिक ने इस रहस्य को जानने के लिए एक एक्सपेरिमेंट किया। इस एक्सपेरिमेंट के दौरान उन्होंने व्यक्ति की मृत्यु के पहले उसके वजन को नापा और उसकी मृत्यु के बाद उसके वजन को नापा।
एक्सपेरिमेंट के जो रिजल्ट आए। वह वाकई चौकाने वाले थे। रिजल्ट में पता चला कि व्यक्ति की मौत से पहले और उसकी मौत के बाद वजन में करीब 21 ग्राम का फर्क था। ये एक्सपेरिमेंट जितनी बार किया गया उतनी बार लोगों के वजन में 21 ग्राम का फर्क देखा गया। इस एक्सपेरिमेंट के जरिए इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि आत्मा का वजन 21 ग्राम होता है।
इस थ्योरी ने इस बात को प्रमाणित किया कि शरीर के भीतर ऐसा कुछ जरूर है, जो उसके मरने के बाद फौरन चला जाता है। इसी वजह से 21 ग्राम थ्योरी खूब फेमस हुई। वहीं जिन लोगों ने नियर डेथ एक्सपीरियंस को अनुभव किया है। उनकी मानें तो मृत्यु के समय मस्तिष्क के भीतर हलचल काफी तेज हो जाती है। इस कारण भ्रम में वे कई बार अजीबोगरीब चीजें देखते हैं।
हालांकि सच क्या है? ये आज भी कोई नहीं जानता है। 21 ग्राम थ्योरी भले ही इस बात को प्रमाणित करती है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद शरीर में कुछ ऐसा है जिसके जाने से 21 ग्राम वजन कम हो जाता है। पर इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि वो आत्मा ही है। आत्मा के रहस्य से अब तक कोई पर्दा नहीं उठ सका है। b