जिले में करीब 84 प्रारंभिक शिक्षकों द्वारा विभागीय पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं कराया जा सका है। अब ऐसे शिक्षकों की नौकरी जा सकती है। विभाग द्वारा निगरानी जांच के लिए संबंधित शिक्षकों को विभागीय पोर्टल सर्टिफिकेट अपलोड कराने के लिए 30 अगस्त तक अंतिम मौका दिया गया था। लेकिन विभाग द्वारा स्थापना डीपीओ व पोर्टल पर जारी सूची के अनुसार जिले के करीब 84 शिक्षकों द्वारा सर्टिफिकेट अपलोड नहीं कराया जा सका है।
मालूम हो कि विभाग द्वारा हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2006 से 2015 तक नियोजित शिक्षकों के नियोजन की वैधता की निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से जांच चल रही है। निगरानी द्वारा विभागीय अधिकारी के माध्यम से नियोजन इकाईवार कार्यरत शतप्रतिशत शिक्षकों का शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों का फोल्डर की मांग की गई। बताया गया है कि इस क्रम में शिक्षा स्थापना डीपीओ द्वारा निगरानी को पूर्व में 9447 शिक्षकों का शैक्षणिक-प्रमाण पत्रों का फोल्डर उपलब्ध कराया गया था। शेष वंचित शिक्षकों का सर्टिफिकेट, मेधा सूची व मूल आवेदन आदि प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के लिए निगरानी द्वारा विभागीय अधिकारी से बार-बार मांग की जाती रही है।
सिर्टिफिकेट उपलब्ध कराने में टालमटौल पर निगरानी ब्यूरों के मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक सह सीतामढ़ी निगरानी जांच कैंप के प्रभारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने पिछले माह स्थापना डीपीओ को पत्र भेजकर शिक्षा विभाग व नियोजन इकाई से संबंधित शिक्षकों का सांठ-गांठ की बात कही थी। वहीं स्थापना डीपीओ द्वारा भी संबंधित नियोजन इकाईयों से वंचित शिक्षकों का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने की मांग की जाती रही है। लेकिन शतप्रतिशत शिक्षकों का सभी सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं हो सका।
शिक्षकों को 30 अगस्त तक पोर्टल पर स्वयं अपलोड करना था सर्टिफिकेट
यह स्थिति अन्य जिले में भी पाए जाने पर विभाग ने संबंधित शिक्षकों पर शिकंजा कसते हुए वेबपोर्टल खोलकर संबंधित शिक्षकों को स्वयं पोर्टल पर सभी सर्टिफिकेट अपलोड करने का आदेश दिया। इसके लिए अंतिम रुप से 30 अगस्त तक का समय दिया गया। स्थापना डीपीओ कार्यालय सूत्रों के अनुसार निर्धारित अवधि के अंदर जिले के 84 शिक्षकों को छोड़ अधिकांश शिक्षकों का सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। साथ ही निगरानी को फोल्डर उपलब्ध कराई जा चुकी है। वहीं निगरानी जांच कैंप कार्यालय सूत्रों की माने तो विभाग द्वारा शिक्षकों का उपलब्ध कराई गई फोल्डर में कई शिक्षकों का सभी सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं है। इसके कारण जांच प्रक्रिया प्रभावित है। विभाग द्वारा स्पष्ट चेतावनी दी गई थी कि जिन शिक्षकों द्वारा निर्धारित अवधि में विभागीय पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं कराया जाएगा, उन्हें फर्जी मानते हुए सेवा समाप्त की जाएगी।
इन प्रखंडों के शिक्षकों ने अपलोड नहीं किया सर्टिफिकेट
जिले के जिन 84 शिक्षकों ने विभाग द्वारा निर्धारित अवधि में पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं कर पाए है, इसमें बथनाहा के प्रखंड क्षेत्र के 23 शिक्षक, रुन्नीसैदपुर के 11, बाजपट्टी के नौ, सोनबरसा के आठ, नानपुर के सात, रीगा के सात, परिहार के छह, पुपरी के तीन, डुमरा के तीन, सुप्पी में दो सुरसंड के एक, बैरगनिया के एक, बेलसंड के एक, चोरौत के एक, मेजरगंज के एक शिक्षक शामिल है।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले के डीपीओ स्थापना महेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि निगरानी जांच के लिए जिले के अधिकांश शिक्षकों का सर्टिफिकेट का फोल्डर निगरानी को उपलब्ध कराई जा चुकी है। साथ ही वंचित अधिकांश शिक्षकों द्वारा विभागीय पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करा दी गई है। कुछ शिक्षकों द्वारा आवेदन देकर बताया गया है कि विभागीय पोर्टल में गड़बड़ी के कारण समय पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं हो पाया है। इसकी सूचना विभाग को भी दे दी गई है।