रायगढ़। छत्तीसगढ़ में देशी शराब को लेकर पहले से ही कई जानकारी सामने आ चुकी है जिसमें ग्राहकों की जहरीले शराब पीने से मौत या मिलावटी शराब के अलावा बोतल में काकरोच या कचरा मिलता था लेकिन अब अगर देशी शराब की बोतल के भीतर मरी हुई छिपकली मिले तो उसको क्या कहा जाए। शराब पीने के आदि एक व्यक्ति को आज देशी शराब की बोतल के भीतर जब मरी हुई छिपकली मिली तो वह मारे दहशत के शराब नही पीने की तौबा कर रहा है। अगर वह बिना बोतल को देखे शराब पी लेता तो उसकी मौत हो सकती थी।
यह मामला है रायगढ़ के सुभाष नगर बंगाली मोहल्ले का जहां के रहने वाले तापस राय ने हमेशा की तरह गोवर्धनपुर स्थित सरकारी देशी शराब भट्ठी से एक पाव का पौव्वा रूपए में खरीदा और उसे लेकर जब वह एक जगह बैठकर पीने की तैयारी कर रहा था तो बोतल के भीतर मरी हुई छिपकली देखने के बाद उसके होश उड़ गए। उसने तत्काल काकाजी डॉट कॉम के संपादक को इसकी जानकारी और बताया कि अगर यह शराब वह पी लेता तो मरी हुई छिपकली से निकला हुआ जहर उसके शरीर में चला जाता है और ऐसे में उसकी मौत भी हो सकती थी। तस्वीरों और वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि देशी शराब के इस पैकिंग में घोर लापरवाही बरती गई है। साथ ही साथ यह भी पता चलता है कि सरकारी शराब की पैकिंग से लेकर उसे बेचने के लिए कोई भी गंभीरता नही बरती जा रही है और यह ग्राहकों की जान से सीधा खिलवाड़ है।
सुभाष नगर निवासी तापस राय अभी भी दहशत में है और वह अब शराब से इसलिये तौबा कर रहा है कि उसने सपने में नही था कि शराब के बोतल के भीतर मरी हुई छिपकली मिलेगी। रोजाना सुबह एक पाव पीने वाला तापस यह भी बताता है कि दुकानदान के पास ऐसी शराब बेचा जाना बताता है कि कैसे सरकार के आंख के नीचे जनता के स्वास्थ्य के साथ मजाक किया जा रहा है और इस मामले में दोषी शराब भट्ठी के कर्मचारी के अलावा जिले के वरिष्ठ आबकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। चूंकि सरकारी शराब दुकान में खुलेआम ऐसे गंभीर मामले सामने आने से शराब की पैकिंग पर भी सवाल उठते हैं।
इस पूरे मामले में हमने जिले के आबकारी निरीक्षक व बड़े अधिकारियों से भी चर्चा करने की कोशिश की लेकिन हमेशा की तरह उनका मोबाईल उठा ही नही।