रायपुर। जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर में जिले के सभी निजी स्कूलों के प्राचार्यो को फरमान जारी किया है कि वे उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश अनुसार केवल ट्यूशन फीस ही लें। बच्चों और अभिभावकों से अतिरिक्त फीस न ली जाए। किसी भी विद्यार्थी को आनलाइन क्लास से निजी स्कूल वंचित नहीं कर सकेंगे। कोरोना काल में केवल शिक्षण शुल्क ही लेेंगे। आनलाइन क्लास से वंचित करने या अधिक शुल्क वसूलने पर कार्रवाई की जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी जी आर चंद्राकर ने बताया कि जिले के निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले किसी भी विद्यार्थी को आनलाइन क्लासेस से वंचित नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही निजी विद्यालय कोरोना काल के लिए विद्यार्थियों से केवल शिक्षण शुल्क ही ले सकेंगे। अधिक शुल्क वसूलने या आनलाइन क्लासेस से वंचित करने पर स्कूल प्रबंधनों के विरूद्ध कार्रवाई होगी।
जिला फीस समिति के सदस्यों और जिले के अशासकीय विद्यालयों के प्रबंधकों, अभिभावकों और नोडल अधिकारियों को इसकी निगरानी करने के लिए कहा गया है। उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्णय अनुसार कोविड काल के लिए केवल शिक्षण शुल्क ही लेना है। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कोई भी निजी विद्यालय अपने कार्यरत किसी शिक्षक या कर्मचारी का वेतन न तो रोकेगा, न ही कम करेगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी निजी संस्थाओं को सख्त हिदायत दी की किसी भी कारण से किसी भी विद्यार्थी को आनलाइन पढ़ाई से वंचित न करें। यदि कोई विद्यार्थी आनलाइन नहीं जुड़ पा रहा है, तो यह संस्था का दायित्व होगा कि वह विद्यार्थी को अन्य माध्यम से शिक्षण सामग्री प्रदान करे और उसे पढ़ाई से जोडे़ रखे। इसके अलावा सरकारी स्कूलों के पहली से लेकर आठवीं तक के बच्चों के आनलाइन आकलन करने के लिए शिक्षकों को पंजीयन कराने के लिए भी निर्देश दिया गया है।