रायगढ़। रायगढ़ जिले में तेजी से डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ते जा रही है। पहले यह संख्या 20 के आसपास थी और अब अर्द्धशतक तक यह आंकड़ा पहुंच चुका है। कोरोना के बाद जानलेवा डेंगू जिस प्रकार से जिले में पांव पसार रहा है उसमें स्वास्थ्य विभाग से लेकर नगर निगम के साथ साथ प्रशासनिक लापरवाही भी लगातार देखने को मिल रही है। चूंकि बढ़ती गंदगी तथा साफ-सफाई की कमी से जूझ रहे रायगढ़ नगर निगम सहित आसपास के गांव में अब यह बढ़ते आंकड़े जानलेवा साबित होंगे इस बात से इंकार नही किया जा सकता।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 13 अक्टूबर को 2 डेंगू के सकारात्मक प्रकरण की पुष्टि मेडिकल कालेज रायगढ़ की माइक्रोबायोलॉजी लैब द्वारा एलिजा टेस्ट उपरांत किया गया है। जिले में इस वर्ष आज दिनांक तक 85 संभावित डेंगू मरीजों की जांच एलिजा से किया जा चुका है। जिसमें 49 डेंगू के प्रकरण पाए जा चुके है। 3 मरीज वर्तमान की स्थिति में जिले में चिकित्साधीन है, मच्छरदानी में रहने सलाह दिया गया है। एक मरीज गुलमोहर कालोनी से है तो अन्य किरोड़ीमलनगर जिला चिकित्सालय से परिसर में निवासरत है। दोनों ही मरीज डॉक्टर की निगरानी में चिकित्साधीन है दोनों मरीज की विगत 15 दिनों में कोई माइग्रेशन हिस्ट्री नहीं पायी गई है। इस वर्ष जिले में कुल 49 केस पाये जा चुके है जिसमें से 38 रायगढ़ शहरी क्षेत्र के तथा 11 ब्लाक के है। अब तक शहरी क्षेत्र में सबसे अधिक केस दरोगापारा से 8 केस, गांधी गंज क्षेत्र से 6 केस तथा सांगीतराई ट्रांसपोर्ट नगर से 3 केस पाए गए है। जुलाई माह में 2 केस, अगस्त माह में 6, सितम्बर माह में 21 तथा चलित माह 13 अक्टूबर तक 20 केस पाये जा चुके है।
बहरहाल एक के बाद एक बढ़ती संख्या कम होनें के बजाए आंकड़े जनता को चिंता में डाल रहे हैं। लेकिन प्रशासन इस आंकड़े बाजी के खेल में यह बताने से नही चूक रहा है कि डेंगू के लिए पर्याप्त इलाज के उपाए किये जा रहे हैं जबकि हकीकत में ऐसा है नही। पुराने आंकडों पर अगर गौर करें तो डेंगू के चलते अकेले रायगढ़ शहर में दो दर्जन से भी अधिक मौतें हो चुकी थी और अब नए आंकड़े बताते हैं कि मरीजों को अगर समय पर इलाज नही मिलता है तो मौतों का खेल फिर शुरू हो जाएगा।