भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने सत्र शुरू होने के नौ माह बाद 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया है। वहीं नवमी से बारहवीं कक्षाओं के पाठ्यक्रम में 30 से 40 फीसद कटौती नवंबर में की है। अब इससे सालभर पढ़ाई कर चुके विद्यार्थियों को कई चैप्टर हटाए जाने से परेशानी हो रही है। साथ ही पैटर्न को समझने में भी समय लगेगा।
माशिमं ने बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में अचानक बदलाव कर वेबसाइट पर इसका ब्लू प्रिंट अपलोड कर दिया है। कोई भी बदलाव पहले नवमी व ग्यारहवीं में लागू किया जाता है। इसके बाद 10वीं व 12वीं में लागू होता है। नए ब्लू प्रिंट में 40 फीसद नंबर तार्किक प्रश्न के दिए गए हैं, जबकि इस साल कोरोना संक्रमण काल में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। अचानक किए बदलावों से तार्किक प्रश्नों के होने से परीक्षा परिणाम गिरने की संभावना बन गई है। वहीं प्रदेश सरकार द्वारा माध्यमिक शिक्षा अधिनियम के अनुसार माध्यमिक शिक्षा मंडल की समिति का गठन किया जा चुका है। समिति गठित होने के बाद माशिमं की चार जनवरी को साधारण सभा की बैठक होगी। जिसमें मंडल की परीक्षा, वित्त संबंधित अन्य बिंदुओं का अनुमोदन कराया जाएगा। माशिमं द्वारा किए गए इस बदलाव के संबंध में शिक्षकों व विद्यार्थियों का कहना है कि बोर्ड परीक्षा में बस तीन माह का समय बचा है। बदलावों के मुताबिक परीक्षा की तैयारी इतने कम समय में करना संभव नही है। बता दें, कि हर साल दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षा में करीब 20 लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं।
ये किए बदलाव
माशिमं ने हर विषय के पूरे पाठ्यक्रम को तीन यूनिट में बांट दिया है। सभी यूनिट से प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्नपत्र में दीर्घउत्तरीय प्रश्नों के बदले छोटे-छोटे प्रश्न पूछे जाएंगे। हर विषय में 100 अंक का प्रश्नपत्र होगा। सभी विषयों में 30 फीसद वस्तुनिष्ठ, 30 फीसद सब्जेक्टिव, 40 फीसद तार्किक प्रश्न होंगे।
माशिमं ने नए पैटर्न में बदलाव देर से किया गया है। परीक्षा के लिए तीन माह ही शेष हैं। विद्यार्थियों को ब्लू प्रिंट के पैटर्न समझने में समय लगेगा। इससे परीक्षा परिणाम प्रभावित हो सकता है। – जगत नारायण उपाध्याय, शिक्षक