रायगढ़. गर्मी के मौसम शुरू होते ही जंगल और पहाड़ों में दावानल की घटनाएं शुरू हो जाती है। पिछले दिनों गजमार पहाड़ी में आग लगी थी और दो दिनों तक आग पर काबू नहीं पाया गया था। वन विभाग के अधिकारी इस मामले में गम्भीर नजर नहीं आये।वहीं शुक्रवार को एक बार फिर से गजमार पहाड़ी में आग लग गई। जिस पर वन विभाग के द्वारा काबू नहीं पाया गया। ऐसे में शनिवार को भी गजमार पहाड़ी का जंगल धू धू कर जलते रहा।आसपास के लोगों ने ही इसकी जानकारी विभाग को दी थी लेकिन वन विभाग ने इस आग की घटना को टालने के अंदाज से निपटा।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की सुबह गजमार पहाड़ी में आग लगी और दूर से धूंआ ही नजर आ रहा था, पर शाम ढलने के बाद आग की लपटे दूर से देखी जा रही थी। दावानल की जानकारी लगने के बाद वनकर्मी आगे बुझाने के लिए पहुंचे, पर आग पर काबू नहीं पाया जा सका। रात में रेंजर राजेन्द्र कुमार साहू का कहना था कि आग को बुझा लिया गया, लेकिन शनिवार को दोबार गजमार पहाड़ी पर आग की लपटे देखने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि आग को पूरी तरह से नहीं बुझाया जा सका था। शनिवार को दूर तक आग फैल चुकी थी और विभाग के कर्मचारियों का दावा था कि आग पर काबू पा लिया जाएगा, पर अपरान्ह चार बजे तक गजमार पहाड़ी धू धू कर जल रही थी।
फायर लाईन कटाई कागजों में हुआ
विभागीय जानकारों की माने तो गर्मी के शुरू होने से पहले फायर लाईन कटाई का कार्य कर लिया जाता है, पर यहां ऐसा कोई कार्य देखने को नहीं मिला। जानकारों का कहना है कि फायर लाईन कटाई का कार्य होने से सड़क किनारे जंगल व पहाड़ियों को दावानल की घटनाओं से कुछ हद तक रोका जा सकता है।
नहीं हो सकी समितियों की बैठक
दावानल की घटना शुरू होने से पहले कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा समिति के पदाधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें रिचार्ज भी किया जाता है, पर इस बार ऐसी कोई पहल नहीं की गई। इस कारण समिति के पदाधिकारी व ग्रामीण विभाग का सहयोग करने में पीछे हट रहे हैं और पूर्व की तरह अब गांव के ग्रामीण आग को बुझाने नहीं आ रहे हैं।
क्या कहते हैं रेंजर राजेन्द्र साहू
शनिवार को भी गजमार पहाड़ी में आग लगी थी। शुक्रवार को आग को बुझा लिया गया था, शनिवार को मुखबधिर स्कूल की ओर आग लगी है, जिसे बुझाया जा रहा है। जल्द ही आग पर काबू पा लिया जाएगा।