मेडिकल पीजी प्रवेश की काउंसलिंग और एडमिशन की लेटलतीफी से नाराज मेकाहारा के तीन सौ डाक्टरच धरने पर बैठे है । आज भी ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर में ड्युटी नहीं कर रहे है | डाक्टरों का कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो बुधवार से सारी इमरजेंसी सेवा भी बाधित कर दी जाएगी । इस समस्या को लेकर पूरे देशभर के रेजिडेंट डॉक्टर आंदोलनरत हैं ।
पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टर एसोसिएशन ने भी शनिवार ओपीडी और ओटी सेवा नहीं दी । तीन सौ डॉक्टरों के नहीं होने की वजह से आंबेडकर अस्पताल की उपचार व्यवस्था पूरी तरह बाधित हो गई। मरीजों को उपचार के बजाए निराश होकर वापस लौटना पड़ा था ।


गौरतलब है कि डेढ़ साल सत्र पिछड़ने की वजह से देश में करीबन 80 हजार स्नातकोत्तर चिकित्सा विद्यार्थियों की कमी हो गई है । काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से देशभर के मेडिकल कालेजों के अस्पतालों में सीनियर विद्यार्थियों पर काम का बोझ बढ़ गया है, जिसकी वजह से वे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पा रहे हैं । मेडिकल कालेज की स्नातकोत्तर सीटों पर प्रवेश के लिए नीट पीजी की परीक्षा 10 जनवरी को होना था, जिसकी तारीख पहले 18 अप्रैल फिर 11 सितंबर तय की गई ।
परिणाम 10 अक्टूबर को घोषित किया गया। इसके बाद अब तक काउंसलिंग का शेड्यूल जारी नहीं किया गया है, जिसकी वजह से करीबन सौ विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है। इस लेटलतीफी की वजह से पिछले डेढ़ साल से मेकाहारा के 2020 बैच के 300 विद्यार्थी अपने काम के साथ जूनियर डॉक्टरों का भी काम कर रहे हैं ।
