एक अनोखा मंदिर, जहा देवी भक्ति के साथ देशभक्ति, रोजाना मंदिर परिसर में फहराया जाता है तिरंगा

by Kakajee News

उपेन्द्र डनसेना

रायपुर । आजादी की 75वीं सालगिरह पर देशभर में हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है।वही राजधानी रायपुर के प्रसिद्ध एक मंदिर जहां शहिद जवानों के नाम पर अमर जवान ज्योति जलाई गई है। मंदिरो में पूजा आरती के बाद रोजाना मंदिर परिसर में तिरंगा भी फहराया जाता है।

देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की याद में जिस तरह भारत के हृदय स्थल दिल्ली के इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति प्रज्ज्वलित हो रही है. उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी अमर जवान ज्योति प्रज्वलित की गई है. खास बात यह है कि यह ज्योति किसी चौक चौराहे पर नहीं, बल्कि एक मंदिर के मुख्य द्वार में साल 2003 से प्रज्ज्वलित हो रही है। मंदिर ट्रस्ट की मानें तो यह देश का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां शहीद जवानों के सम्मान में ज्योति प्रज्ज्वलित की गई है। मंदिर में आने वाले भक्त मां बंजारी के दर्शन करने के साथ ही अमर जवान ज्योति के सामने शीश झुकाकर वीरों को श्रद्धांजलि देते हैं. मंदिर के समक्ष प्रज्ज्वलित हो रही अमर जवान ज्योति बच्चों, युवाओं के मन में देशभक्ति की भावना जगा रही है।

.राजधानी रायपुर के रांवाभाठा स्थित मां बंजारी मंदिर परिसर में अमर जवान ज्योति के साथ ही शान से तिरंगा लहरा रहा है. भक्त एक ओर जहां बंजारी माता के दर्शन करके भक्ति भाव में विभोर हो जाते हैं. वहीं अमर जवान ज्योति के सामने सलामी देकर उत्साह से लबरेज हो उठते हैं. इस मंदिर में देवी भक्ति के साथ देश प्रेम की भी लहर बह रही है. यहां अमर जवान ज्योति पर राष्ट्रीय ध्वज तो शान से लहरा ही रहा है. सीआरपीएफ, बीएसएफ, वायु सेना, जल सेना के प्रतीक वाले ध्वज भी लहरा रहे हैं. यह आकर्षण का केंद्र बिंदु भी हैं. मंदिर में 500 से ज्यादा भक्त रोजाना दर्शन के लिए आते हैं और सलामी देकर वीरों की गाथा को याद करते हैं।

बता दे रोजाना माता की पूजा के बाद होता है ध्वजारोहण मां बंजारी मंदिर के पुजारी नरोत्तम प्रसाद चौबे बताते हैं “हमारे जवानों ने देश के लिए कुर्बानी दी है. उसकी शहादत को हम नमन करते हैं. अमर जवान ज्योति के माध्यम से शहीदों की कुर्बानी दीपक की तरह प्रकाशवान हो. इसी उद्देश्य के तहत अमर जवान ज्योति प्रज्वलित होती है. साथ ही यहां प्रतिदिन ध्वजारोहण भी होता है. सबसे पहले माता की पूजा अर्चना की जाती है. उसके बाद हम सभी पुजारी एकत्रित होकर ध्वजारोहण करते हैं।

मां बंजारी, बंजारों की है इष्टदेवी: बंजारी मंदिर के प्रमुख ट्रस्टी हरीश भाई जोशी बताते हैं “मंदिर ट्रस्ट का उद्देश्य है बच्चों और भावी पीढ़ी के मन में भक्ति भाव के साथ देशभक्ति की भावना पैदा हो, मंदिर में आने वाले हर व्यक्ति के मन के भीतर देश भक्ति की ज्योत जलती रहे. मंदिर में दर्शन के लिए आने वाला हर श्रद्धालु पहले यहां मत्था टेकता है वीरों की कुर्बानियों को याद करता है इसके बाद मंदिर में प्रवेश करता है. मां बंजारी मंदिर 500 साल से अधिक पुराना है. मां देवी स्वंय प्रकट हुई हैं. जो जगह पूरी तरह बंजर थी. बंजर होने की वजह से बंजारे जाति के लोग भ्रमण करते थे. उन्होंने ने ही मां बंजारी की पूजा अर्चना शुरू की. मां बंजारी, बंजारे जाति की इष्टदेवी है. उन्होंने ने ही मंदिर का नाम मां बंजारी रखा है।

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