धरमजगढ़ । धरमजगढ़ वनमंडल के ऐसी सूचना मिली हैं कि छाल रेंज में भारी मात्रा में साल के पेड़ों की अवैध कटाई हुई हैं जिसे वन विभाग छुपाने की भरसक कोशिश में लगा हैं। साल के 78 बड़े पेड़ जिसकी अनुमानित क़ीमत लाखों में होगी।जिसे वनमंडल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सह में तस्करों ने तस्करी करने के लिए काटा था। जिसे मुखबिर की सूचना पर मुख्य वन संरक्षक की उड़नदस्ता टीम ने छाल रेंज के बीट में जाकर जब्त किया था और मौके पर पंचनामा कार्यवाही कर जब्त लकड़ी को धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल रेंज को सुपुर्द कर दिया।आश्चर्य की बात हैं कि अभी तक उसकी जाँच ही चल रही है।
बिलासपुर मुख्य वन संरक्षक ने कई नोटिस डीएफओं और अधीनस्थ कर्मचारियों को भेजा जा चुका हैं परंतु अभी तक वनमंडल की ओर से कोई जवाब नही दिया गया हैं और न ही अभी तक साल के पेड़ों की अवैध कटाई करने वाले चोरो को पकड़ पाए।किसी स्टाफ़ पर अभी तक कोई कार्यवाही भी नहीं हुई हैं। धरमजयगढ़ में जब से अभिषेक जोगवत डीएफओं बन के आये हैं अवैध कटाई की घटनाएँ बढ़ती ही जा रही हैं और वन विभाग के उच्च अधिकारी कोई कार्यवाही करने के बजाय मौन साधे बैठे हैं।
अगर सही तरीक़े से धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज की बीट जाँच हो जाये तोह रेंज के आधे से ज्यादा स्टाफ़,रेंजर ,एस.डी.ओ.सस्पेंड हो जायेंगे और डी.एफ.ओ.मुख्यालय अटैच हो जायेंगे।जबकि नियम यह हैं कि हर महीने बीट जाँच होनी चाहिये परन्तु होती नहीं हैं।घर बैठे बैठे ही बीट जाँच का रजिस्टर भर दिया जाता हैं।जबकि पूर्व में पदस्थ कर्मचारियों और अधिकारियों ने अवैध कटाई के कई मामले को पकड़ा था और आरोपियों को जेल भेजकर गाड़ियों को रात-सात की कार्यवाही की गईं थी।जिससे अवैध कटाई करने वाले आपराधियों में डर का माहौल बना हुआ था।
एक तरफ वन विभाग और शासन प्रशासन जंगल को बचाने और ज्यादा से ज्यादा पेड़ों को लगाकर जंगल हरा भरा करने में लगा हुआ हैं तोह दूसरी तरफ वनमंडल में पदस्थ कुछ लोग अपराधियों से मिलकर जंगल को बर्बाद करने में लगे हुये हैं।समय रहते ही अगर शासन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नही दिया तोह हरा भरा जंगल नष्ट हो जाएगा। अब देखना यह हैं कि अवैध कटाई को लेकर विभाग कार्यवाही करता हैं या फिर तस्करों के साथ मिलकर इमारती लकड़ियों को तस्करी करता हैं।