रायगढ़ । परिवीक्षाधीन उप पुलिस अधीक्षक सौरभ उईके, प्रभारी थाना लैलूंगा के नेतृत्व में कल थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम घियारमुडा में वृद्ध पत्नी को टांगी से मारकर हत्या के आरोपी जीयतराम चैहान (65 वर्ष) को लैलूंगा पुलिस घटना की सूचना के तत्काल बाद ग्राम घियारमुडा सुकवासुपारा पहुंचकर शव पंचनामा, पोस्टमार्टम कार्यवाही कर आरोपी को हिरासत में लेकर थाना लाया गया जिसे हत्या के अपराध में आज न्यायिक अभिरक्षा में घरघोड़ा न्यायालय भेजा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार कल सुबह ग्राम घियारमुडा का कोटवार भोगीराम चैहान थाना लैलूंगा में सूचना दिया कि ग्राम घियारमुडा सुकवासुपारा में रहने वाली राधा चैहान पति जीयतराम चैहान उम्र करीब 60 वर्ष का शव उसके घर आंगन पर पड़ा है जिसे उसके पति जीयतराम चैहान टांगी से मारकर हत्या कर दिया है। सूचना पर डीएसपी (प्रशिक्षु) सौरभ उईके, थाना प्रभारी लैलूंगा पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं एसडीओपी धरमजयगढ़ को सूचना से अवगत कराकर तत्काल थाने के स्टाफ के साथ ग्राम घियारमुडा सुकवासुपारा पहुंचे। जहां मृतिका राधा चैहान का शव उसके घर आंगन में पड़ा था।
सूचनाकर्ता ग्राम कोटवार भोगीराम चैहान के रिपोर्ट पर मौके पर मर्ग एवं हत्या का अपराध आरोपी जीयतराम चैहान, साकिन ग्राम घियारमुडा सुकवासुपारा थाना लैलूंगा के विरूद्ध दर्ज कर शव पंचनामा कार्यवाही पश्वात शव को पोस्ट मार्टम के लिये रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल से मृतिका तथा आरोपी के खून लगे कपड़े, घटना में प्रयुक्त टांगी व अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य विधिवत जप्त कर डीएसपी सौरभ उईके एवं स्टाफ द्वारा गांव में घेराबंदी कर आरोपी जीयतराम चैहान को हिरासत में लेकर थाना लाया गया।
घटना के संबंध में कड़ी पूछताछ करने पर आरोपी जीयतराम चैहान पिता स्व. झनकराम चैहान उम्र 65 वर्ष निवासी ग्राम घियारमुडा सुकवासुपारा बताया कि 3-4 दिन पहले इसकी पत्नी राधा चैहान (मृतिका) उसे बिना बताये कहीं चली गई थी। वापस आने पर दोनों के मध्य इसी बात को लेकर झगड़ा विवाद हुआ और 16 सितंबर की सुबह फिर दोनों के बीच लडाई झगडा हुआ जिसमें जीयतराम चैहान घर के टांगी से राधा चैहान के सिर, पीठ में मार दिया जिससे राधा चैहान फौत हो गयी।
आरोपी को थाने में पंजीबद्ध धारा 302 में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई में थाना प्रभारी लैलूंगा सौरभ उईके डीएसपी (प्रशिक्षु), उप निरीक्षक बी.एस. पैंकरा, आरक्षक नेहरू राम उरांव, राजू तिग्गा, चमारसाय भगत और महिला आरक्षक लीलावती की अहम भूमिका रही है।