रायगढ़। सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में हाईकोर्ट के क्लर्क (बाबु) बने एक व्यक्ति के द्वारा स्थानीय महिला से ठगी करने का मामला सामने आया। थाना प्रभारी के द्वारा इस मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार इंदिरा नगर रायगढ़ में रहने वाली महिला द्वारा पुलिस अधीक्षक रासगढ़ को लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया था। शिकायत आवेदन के जांच पर पाया गया कि महिला का भाई थाना कोतवाली के अपराध धारा 363, 366 (क) 376 (ख), 506, 34 भादति 4.6 पाक्सो एक्ट 3(1)(12) एससीध्एस.टी. एक्ट में सजा हुई है जिसके अपील बेल के लिए महिला (प्रार्थीया) प्रयासरत थी। इसी दौरान देवधारी लकड़ा महिला का मोबाइल नम्बर प्राप्त कर उसे बताया कि वह उच्च न्यायालय में बाबू, क्लर्क है तथा जजों से अच्छी पहचान है उसके भाई को बेल दिला सकता है इसके एवज में देवधारी लकड़ा द्वारा अलग-अलग तिथियों में 02 मई से 18 जून के बीच फोन पे माध्यम से कुल 1,51,500 रूपये लिया।
महिला के भाई का बेल नहीं होने की दशा में वह उच्च न्यायालय में जानकारी ली , तब पता चला कि देवधारी लकड़ा नाम का कोई भी व्यक्ति उच्च न्यायालय में कार्यरत नहीं है। जांच पर आरोपी देवधारी लकडा द्वारा उच्च न्यायालय के क्लर्क होने का प्रतिरूपण कर जमानत करने के नाम पर ठगी करना पाये जाने से आरोपी के विरुद्ध अपराध के धारा 419 , 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना दौरान पीड़ित महिला द्वारा आरोपी से मोबाईल से की गई बातचीत का वाईस रिकार्ड प्रस्तुत किया गया जिसमें देवधारी लकडा पीड़िता को उच्च न्यायालय का बाबू होना बता रहा है।
पीड़िता के बैंक अकाउंट तथा रूपयों को ट्रांजेक्शन का जानकारी लिया गया, साथ ही आरोपी के मोबाइल नम्बर की जानकारी सायबर से प्राप्त कर तत्काल कोतवाली पुलिस की टीम आरोपी देवधारी लकड़ा को बेलगांव सीतापुर से गिरफ्तार कर थाना लाया गया। आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि वह वर्ष 2005-2006 में सीतापुर थाने में धारा 366 भादवि के मामले में चालान हुआ था जिसमें उसे सजा हुई थी, 4 साल जेल में था।
वर्तमान में वह अपील बेल पर बाहर है लगातार कोर्ट के चक्कर लगाता था, इसी कारण उसे पीड़ित महिला की जानकारी मिली और वह न्यायालय का बाबू बनकर ठगी किया। आरोपी देवधारी लकड़ा पिता दोहन लकड़ा उम्र 40 साल निवासी बेलगांव सीतापुर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। आरोपियों की पतासाजी, गिरफ्तारी में थाना प्रभारी मनीष नागर, प्रधान आरक्षक नंद कुमार सारथी, विक्रम चैरसिया की प्रमुख भूमिका रही है।