एसबीआई बैंक में देर रात चोरों ने धावा बोलकर वहां के स्ट्रांग रूम से गहने चोरी कर लिए. यह गहने बैंक में गोल्ड लोन के नाम पर बैंक में जमा थे.
चोरों ने इस काम को अंजाम देने के लिए बैंक के पीछे खाली पड़े प्लाट से दीवार में 8 फीट लंबी सुरंग खोदकर अंजाम दिया. चोरी करने वाले चोरों की रेकी बैंक को लेकर इस कदर थी कि खाली प्लाट से सुरंग खोदकर सीधे वह स्ट्रांग रूम में दाखिल हुए. वहां पर रखे करोड़ो रुपए के गहने ले उड़े.
फिलहाल घटना की जानकारी होते ही पुलिस के अधिकारी फॉरेंसिक टीम के साथ बैंक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और घटना से जुड़े साक्ष्य जुटाए गए. मामले में बैंक प्रबंधक नीरज राय ने बताया कि स्ट्रांग रूम में मौजूदा 1812.18 ग्राम गोल्ड के जेवर गायब हैं. यह गोल्ड ब्रांच में 29 खाताधारकों के द्वारा गोल्ड लोन के एवज में बैंक में जमा था .फिलहाल मामले में कानपुर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने भी बैंक पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी ली और घटना के खुलासे के लिए दो टीमें बनाई हैं.
महीनों से रेकी कर रहे थे चोर, फिर खोद डाली सुरंग
बैंक में जिस तरह से चोरी की घटना को अंजाम दिया गया है उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि चोरों ने महीनों बैंक के लॉकर और स्ट्रांग रूम की रेकी करने के बाद यहां तक पहुंचने के लिए बैंक के पीछे बने खाली प्लॉट से सुरंग खोदी है. मामले में पुलिस को यह संदेह है कि घटना में कोई बैंक कर्मचारी भी सम्मिलित हो सकता है. जिसके चलते आज पुलिस ने बैंक में मौजूद सभी कर्मी स्ट्रांग रूम इंचार्ज को अलग-अलग बुलाकर पूछताछ की है. बैंक मैनेजर नीरज राय ने बताया कि इस वक्त बैंक में ऑडिट चल रहा है, जिसके चलते देर रात तक बैंक का कुछ स्टाफ बैंक में ही रहता था. बैंक मैनेजर ने बताया कि कैश 3500000 रुपए बैंक में मौजूद मिला है, जो कि गोल्ड चेस्ट के बगल में ही था. लगता है कि चोरों ने गोल्ड को ही टारगेट करके चोरी को अंजाम दिया है.
बैंक का अलार्म तक नहीं बजा, CCTV टूटे मिले
कानपुर पुलिस के कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि चोरों की रेकी इतनी स्ट्रांग थी कि उन्होंने सुरंग खोदकर सीधे स्ट्रांग रूम में वे दाखिल हुए और गैस कटर से गोल्ड की लॉकर को काटकर सुरंग से ही वापस हो गए. चोरों ने बैंक के पीछे की दीवार भी इस तरह से काटी की बैंक का अलार्म तक भी नहीं बजा. साथ ही बैंक के पिछले हिस्से में लगे सीसीटीवी टूटे मिले. 8 फीट की सुरंग की भी इस तरह से चोरों ने खुदाई की कि इसकी भनक सुबह बैंक पहुंचने के बाद ही बैंक कर्मियों को लगी.