सात दोस्तों ने मिलकर अपने ही दोस्त का किया अपहरण फिर चाकू मारकर कर दी हत्या और फिर शव का दफनाया, इस वजह से दिया घटना को अंजाम, पढ़ें पूरी खबर

by Kakajee News

गरियाबंद। सात दोस्तों ने अपने ही एक दोस्त का अपहरण कर चाकू मारकर उसकी जघन्य हत्या कर दी। पुलिस ने मृतक के शव को बरामद कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एक अन्य फरार युवक की तलाश की जा रही है। उक्त मामला गरियाबंद के देवभाग थाना क्षेत्र का है।


इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार गत 06 जनवरी की रात उरमाल का बाइक मैकेनिक वाहिद अली 26 वर्ष अपनी दुकान को छोड़कर लापता हो गया था। उसका छोटा भाई शामिद अली जब दुकान पहुंचा, तो उसने देखा कि दुकान खुली हुई है और सारा सामान बिखरा हुआ पड़ा है। पहले तो उसे लगा कि भाई यहीं आसपास कहीं होगा, लेकिन जब वो वापस नहीं लौटा, तो उसने परिजनों को जानकारी दी। परिजनों ने आसपास के लोगों से पूछताछ की, लेकिन कुछ पता नहीं चला।


इस मामले में मृतक युवक के परिजनों ने 7 जनवरी को देवभोग थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया। परिजनों ने पुलिस को बताया था कि वाहिद का उसके दोस्तों के साथ पैसे को लेकर झगड़ा हुआ था, इसलिए परिजनों को उसके दोस्तों पर कुछ गलत कर देने की आशंका थी। इस मामले मंे एसडीओपी अनुज गुप्ता ने संदिग्ध दोस्तों को हिरासत में ले लेकर पूछताछ शुरू की। शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। हालांकि 9 जनवरी की सुबह एक बार फिर पुलिस ने संदिग्धों को हिरासत में लिया और कड़ाई से पूछताछ की, जिसके बाद आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपियों ने बताया कि हत्या कर उन्होंने वाहिद की लाश को दफना दिया था। उनकी निशानदेही पर कार्यपालक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कब्र खोदकर खून से लथपथ लाश निकलवाई गई।


पूछताछ में आरोपियों ने हत्या की जो वजह बताई, वो बेहद चैंकाने वाली है। उन्होंने बताया कि 6 जनवरी को जयप्रकाश और भोज अपनी बाइक बनाने वाहिद के पास आए थे। बाइक बनाने का खर्च 200 रुपए आया। जब वाहिद ने अपने पैसे मांगे, तो दोस्तों को ये नागवार गुजरा। उन्होंने अपनी दोस्ती का हवाला देते हुए पैसे नहीं देने की बात कही, जिस पर वाहिद और दोस्तों का आपस में विवाद हो गया। वाहिद ने पैसे नहीं देने पर जयप्रकाश और भोज को गालियां दे दीं, जिससे वे आक्रोशित हो गए। उस वक्त तो दोनों दोस्त वहां से चले गए, लेकिन रात में अपने 5 अन्य दोस्तों के साथ वाहिद की दुकान पर पहुंचे। उन्होंने उसके साथ जमकर मारपीट की और उसे 3 किलोमीटर दूर सरगीगुडा के खंडहर पड़े स्कूल में ले गए। वहां चाकुओं से गोदकर उसकी हत्या कर दी और लाश को दफन कर दिया।

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