सिर्फ श्रीविष्णु ही नहीं शिव भी हैं अवतारी, यहां पढ़ें भाेलेनाथ के अवतारों की पूरी जानकारी

by Kakajee News

नंदी की सवारी करने वाले, कैलाश पर्वत पर अघोरी, वैरागी के रूप में रहने वाले भगवान भाेलेनाथ महाशिवरात्रि के दिन माता गौरी से परिणय सूत्र में बंधेंगे।

18 फरवरी, महाशिवरात्रि का पर्व सनातन धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है। इस महारात्रि पर विशेष साधना कर भगवान भाेले की कृपा का पात्र बना जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार शिव पुराण में वर्णित भगवान शिव के विभिन्न अवतारों का स्मरण करने से उनकी कृपा का पात्र बना जा सकता है। महाशिवरात्रि पर विधि विधान से पूजा करते हुए भगवन शिव के विभिन्न अवतारों के नाम का जाप करें।

यूं तो दैवीय अवतारों की बात जब होती है तो भगवान विष्णु की अवतार लीला ही चर्चा में रहती है। लेकिन भगवान शिव ने भी समय−समय पर विभिन्न अवतार लेकर भी कम लीला नहीं रची। आइये आपको बताते हैं भगवान शिव के विभिन्न अवतारों के बारे में।

भगवान शिव के दसावतार
भगवान शिव ने अब तक दस प्रमुख अवतार लिये हैं। जिनमें से प्रमुख हैं-

महाकाल अवतार
तारा अवतार
भुवनेश अवतार
षोडश अवतार
भैरव अवतार
छिन्न मस्तक गिरिजा अवतार
धूम्रवान अवतार
बगलामुख अवतार
मातंग अवतार
कमल अवतार
भगवान शिव के रुद्रावतार

कपाली अवतार
पिंगल अवतार
भीम अवतार
विलुपाक्ष अवतार
विरोहिप अवतार
शास्ता अवतार
शंभु अवतार
अजपाद अवतार
आपिर्बुध्य अवतार
चण्ड अवतार
भव अवतार
सबसे ज्यादा चर्चित 19 शिवावतार

वीरभद्र अवतार
हनुमान अवतार
अश्वत्थामा अवतार
पीपलाद अवतार
नंदी अवतार
भैरव अवतार
शरभावतार
गृहपति अवतार
ऋषि दुर्वासा अवतार
वृषभ अवतार
यतिनाथ अवतार
कृष्ण दर्शन अवतार
अवधूत अवतार
विक्षुवर्य अवतार
सुरेश्वर अवतार
किरात अवतार
ब्रह्मचारी अवतार
सुनटनर्तक अवतार
यक्ष अवतार
भगवान भाेलेनाथ के इन सभी अवतारों का वर्णन शिव पुराण में विस्तार से दिया गया है। यदि प्रातःकाल इन सभी नामों का स्मरण किया जाए तो जीवन में अध्यात्म का स्तर उंचा उठता है और तामसिक प्रवृतियों का नाश होता है। यदि महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करने की सोच रहे हैं तो इन नामों का स्मरण करते हुए रुद्राभिषेक करें। दोगुना लाभ मिलेगा।

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