हाथ की कुछ रेखाएं शुभ मानी जाती हैं तो कुछ अशुभ। हाथ की रेखाओं के माध्यम से ही व्यक्ति के भविष्य की जानकारी मिलती है। ऐसी ही महत्वपूर्ण रेखाएं हैं मंगल रेखा और भाग्य रेखा। मंगल रेखा जीवन रेखा के समानांतर होती है। वहीं मंगल रेखा का भाग्य रेखा से संयोग बहुत ही शुभ माना जाता है। हनुमान जी को मंगल ग्रह के इष्ट देव का रूप माना जाता है।
रामभक्त हनुमानजी ने अपनी भक्ति के बल पर वानर सेना के साथ सेतु बनाकर लंका पर विजय प्राप्त की थी। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के हाथ में मंगल का चिन्ह यानि हनुमानजी का चिन्ह है तो शनि की साढ़े साती उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। आइए जानते हैं हाथ में मंगल रेखा किस प्रकार का फल देती है।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार मंगल रेखा का हथेली में होना अच्छा माना जाता है। मंगल रेखा से कोई रेखा निकलकर भाग्य रेखा में मिले तो ऐसा जातक खूब लाभ पाता है। उसे जीवन में खूब पैसा और जमीन-जायदाद मिलती है।
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में जीवन रेखा के साथ एक से अधिक मंगल रेखा हो अर्थात पहली बड़ी, दूसरी छोटी, तीसरी उससे छोटी हो तो उसे हनुमान रेखा या मंगल रेखा कहते हैं।
यदि मंगल रेखा से निकलकर भाग्य रेखा में कोई रेखा मिल जाती है तो ऐसे व्यक्ति को बहुत धन और जमीन जायदाद की प्राप्ति होती है।
जिन लोगों के हाथ में मंगल रेखा से निकलकर शनि पर्वत तक कोई रेखा होती है, ऐसा व्यक्ति अत्यंत सौभाग्यशाली होता है।
यदि मंगल रेखा से निकली हुई रेखा भाग्य रेखा को पार कर आगे बढ़े तो ऐसी स्थिति नुकसान करती है।
यदि मंगल ग्रह उठा हुआ हो तो जातक के हाथ में हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
यदि जीवन रेखा के साथ-साथ मंगल रेखा स्वच्छ हो, राहु रेखा उसे काटती हो और मंगल पर्वत पर शंख का चिह्न हो तो ऐसे व्यक्ति पर हनुमानजी की विशेष कृपा बनी रहती है।