कोरबा जिले में एक मां अपनी बेटी को बचाने जंगली सुअर से भिड़ गई। उसने करीब आधे घंटे तक सुअर से डटकर मुकाबला की। इसके बाद उसने बेटी को तो बचा लिया। हथियार से कई वार कर उसने सुअर को तो ढेर कर दिया, लेकिन खुद की जान नहीं बचा पाई। मामला पसान थाना क्षेत्र का है।
ग्राम तेलियामार निवासी दुवसिया बाई(45) अपनी 11 साल के बेटी सुनीता को लेकर रविवार दोपहर को गांव के खेत में मिट्टी लेने गई थी। यहां वो फावड़ा और कुदारी से मिट्टी खोद रही थी। उसी दौरान अचानक से जंगली सुअरों का झुंड आया और उन्होंने पहले सुनीता पर हमला कर दिया।
बताया गया कि ये देखकर महिला सुअरों से भिड़ गई। झुंड के दूसरे सुअर भाग निकले। मगर एक सुअर ने लड़की को पकड़ रखा था। इसके बाद महिला ने उस पर फावड़े और कुदारी से कई वार किए। जिससे उसने लड़की तो छोड़ दिया, पर सुअर ने महिला पर हमला कर दिया। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक संघर्ष चलता रहा।
उधर, सुअर के चंगुल से छूटने के बाद बच्ची दौड़ती हुई अपने घर गई। वहां उसने अपने पिता को इसके बारे में जानकारी दी। दोनों मौके पर पहुंचे। तब तक महिला और जंगली सुअर की मौत हो चुकी थी। घटना के बाद आस-पास के लोगों को और वन विभाग को इस घटना की जानकारी दी गई थी। खबर लगते ही पुलिस और वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। मरे हुए सुअर को भी ले जाया गया ।
6वीं में पढ़ने वाली सुनीता ने बताया कि कि उसकी मां मिट्टी की खुदाई कर रही थी। पास में ही सुअर का पूरा झुंड था, जिसमें बच्चे भी थे। लेकिन मुझे लगा कि यह झुंड भैंसों का है। मगर जब पास आए और उन्होंने मुझ पर हमला किया। तब मुझे पता चला कि ये तो सुअर हैं। जिसके बाद मैं अपने घर गई। फिर जब तक हम लोग वापस लौटते, तब तक मेरी मां की मौत हो चुकी थी।
इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में डर का माहौल है। वन विभाग ने खास तौर पर सतर्क रहने निर्देश दिए हैं। वन विभाग की टीम ने प्रारंभिक जांच के बाद परिवार को 25 हजार रुपए का मुआवजा दिया है। वहीं पसान रेंजर रामनिवास दहायत ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही टीम के साथ मौके पर पहुंचे जहां देखा गया कि सूअर और महिला दोनों की मौत हो चुकी थी।