घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी खत्म होने का असर साफ नजर आने लगा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण बीते कुछ माह में घरेलू गैस सिलेंडर की मांग का काफी कमी देखी गई है। साथ ही घरेलू गैस सिलेंडर की कालाबाजारी में भी कमी आई है। तेल कंपनी के एक अधिकारी ने कहना है कि सब्सिडी खत्म होने से घरेलू गैस सिलेंडर की मांग पर असर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि अभी तक उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर 12 गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए जाते थे, जबकि इसकी मांग काफी कम थी। ऐसे में सब्सिडी वाले सिलेंडर की काफी कालाबाजारी हो रही थी।
सब्सिडी खत्म होने से कीमतों का फासला खत्म
गौरतलब है कि गैस सिलेंडर पर से सब्सिडी खत्म कर देने से दोनों तरह के गैस सिलेंडरों की कीमतों में गैप समाप्त हो गया है। अब गैर सब्सिडी सिलेंडर की मांग बढ़ गई है। पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ ने तुलनात्मक अध्ययन में पता किया है कि अगस्त माह में कॉमर्शियल सिलेंडर की मांग पिछले साल के मुकाबले 43 फीसदी कम थी, जो नवंबर में वर्ष 2019 के मुकाबले सिर्फ 15 फीसदी कम नजर आ रही है।
देश में घरेलू गैस सिलेंडर की ये है स्थिति
देश में घरेलू गैस सिलेंडर की मांग पिछले साल के मुकाबले नवंबर में बढ़ती दिखी थी। दरअसल इसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि इस अवधि में 60 लाख से अधिक नए गैस कनेक्शन और 44 लाख उपभोक्ताओं को दूसरा सिलेंडर आवंटित करने का काम किया गया। आंकड़ों को देखें तो पता चलेगा कि अप्रैल महीने से अगस्त तक घरेलू गैस सिलेंडर की मांग में 14.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि बाद में नवंबर तक यह बढ़ोतरी घटकर 11.4 फीसदी तक पहुंच गई थी। इसके अलावा सर्दियों के मौसम में भी गैस की मांग आम दिनों की तुलना में ज्यादा रहती है। घरेलू गैस सिलेंडर की मांग कई शहरों में 20 फीसदी तक कम दर्ज की गई है, इस मांग को काफी हद तक व्यवसायिक सिलेंडर ने पूरा करने का काम किया है।