जशपुर। तपकरा वन परिक्षेत्र में एक बार फिर छोटा हाथी भटक कर बस्ती के समीप आ जाने की खबर से वनविभाग का अमला सक्रिय हो गया। एक हाथी के बच्चे की उम्र 15 माह बताई जा रही है।
डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय सहित वनविभाग के अधिकारी तत्काल घटना स्थल पर पहुंचे। हालांकि हाथी के उम्र को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीण जहां भटके हुए हाथी को कम उम्र का और बीमार बता रहे हैं, वहीं वन विभाग इसे व्यस्क बता रहा है। मामला जिले के तपकरा वनपरिक्षेत्र के मृगखोल गांव का है।
जानकारी के अनुसार इस गांव की बस्ती में बुधवार की सुबह एक छोटा हाथी घुस आया। अनुमान लगाया जा रहा है कि हाथी किसी कारणवश दल से बिछड़ कर अलग हो गया है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वनविभाग को दी। स्थानीय बीट गार्ड और वनपरिक्षेत्रााधिकारी तत्काल मृगखोल पहुंचे और हाथी के बच्चे पर नजर रखना शुरू किया। हाथी कुछ देर तक बस्ती के आसपास घूमने के बाद ओडिशा की जंगल की ओर वापस चले गए। देर शाम तक डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय सहित वनविभाग के अधिकारी मृगखोल में मौजूद रहे।
पिछले साल सितंबर माह में तपकरा के समडमा गांव में इसी तरह से दल से बिछड़कर एक छोटा हाथी बस्ती में पहुंच गया था। वनविभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर हाथी के बच्चे को समडमा के स्कूल भवन में सुरक्षित किया था। हाथी के बच्चे के शरीर में चोट के निशान पाए गए। बिलासपुर और अंबिकापुर से आए चिकित्सकों व विशेषज्ञों की उपस्थिति में हाथी के बच्चे का इलाज किया था, पर वे उसे दल से मिला नहीं सके और आखिर में उसे रामकोला रेस्क्यू सेंटर में भेजा गया।
