3 एकड़ में करता है  पॉम की खेती ,लाखों रुपए की आमदनी, स्व प्रेरणा से ही किया फसल चक्र परिवर्तन ,अब बन गया सबके प्रेरणाश्रोत  

by Kakajee News

रायगढ़। जिले के पुसौर तहसील के ग्राम सुकुलभठली के प्रगतिशील वृद्ध किसान चंद्रशेखर प्रधान ने अपने 3 एकड़ के खेत मे पॉम की खेती कर काफी उन्नति कर रहा है। अपने ही स्व प्रेरणा से उसने धान व अन्य फसलों के बदले अच्छी मुनाफा पाने के उद्देश्य से गोदरेज एग्रोटेक कम्पनी के साथ जुड़कर सन 2014 -15 में 250 पॉम के पेड़ रोपे। लगभग 25 फिट की दूरी पर रोपे गए इन पौधों के बीच उसने पहले 3 वर्ष तक अदरक व अन्य साग सब्जी की फसलें लेता रहा । 3 साल के बाद 2017 -18 से अब लगातार पॉम के फल लगने शुरू हो गए ।शुरुआती समय मे 650 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहे थे अब इसके मूल्य में वृद्धि हो गयी है।वर्तमान में 1350 रुपये प्रति क्विंटल पॉम के फल बिक रहे हैं।सालाना 250 से 300 क्विंटल पॉम के फल का उत्पादन मिलता है और तीन लाख रुपये से अधिक की आमदनी प्राप्त हो रही है। किसान चंद्रशेखर प्रधान ने बताया कि दूर दूर से लोग अब उनके इस उद्यानिकी खेती को देखने पहुंच रहे हैं। उद्यानिकी विभाग के अधीक्षक एस एस सिंह भी अब इन्हें मार्गदर्शन दे रहे हैं। कलेक्टर रायगढ़ तारन प्रकाश सिन्हा भी पिछले दिनों चंद्रशेखर के इस खेती को देखने पहुंचे और सराहना की । ड्रिप पद्धति से सिंचाई करने करने के लिए उद्यानिकी अधिकारियों को व्यवस्था कराने के निर्देश भी दिए । ड्रिप पद्धति से सिंचाई करने पर पॉम उत्पादन में और बढ़ोत्तरी होने की बात उद्यानकी अधीक्षक एस एस सिंह  ने कही । वही पानी की बचत  भी होगी और उत्पादन भी बढ सकेगा । 15 -15दिनों के अंतराल में फसल कटाई की जाती है और लगभग 7 से 10 क्विंटल पॉम फल काटकर बेच दी जाती है। गोदरेज एग्रोटेक के कर्मचारी उद्यान आकर फसल ले जाते हैं और खाते में पेमेंट भी कर देते हैं।   धान के बदले अन्य फसल लगाने के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा घोषित 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की सहायता राशि भी राजीव गांधी न्याय योजना के तहत मिलने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों ने लिखा पढ़ी कर ले गए लेकिन आज पर्यन्त इस किसान को उक्त राशि नहीं मिली है। किसान ने  स्व प्रेरणा से फसल चक्र परिवर्तन कर अब लाखो रुपये लाभांश अर्जित कर अन्य किसानों के लिये प्रेरणास्रोत बन गया है।

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