Raigarh News:-लगातार उड़ रही है आचार संहिता की धज्जियां, कार्रवाई के नाम पर केवल लीपापोती, शहर में आयोजनों के नाम पर हो रही कमाई

by Kakajee News

Raigarh News:-रायगढ़। चुनाव आचार संहिता लागू होनें के बाद जिस प्रकार से जिले में इसके नियमों का पालन होना चाहिए उसको लेकर जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह लापरवाह नजर आ रहे हैं। केवल नोट पकड़ने तथा गाड़ियों की जांच के नाम पर कार्रवाई करके सुर्खियां बंटोरी जा रही है जबकि शहर में राजनैतिक व गैर राजनीतिक लोगों द्वारा बिना अनुमति के भारी भीड़ या कोई भी आयोजन करके खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ाकर यह जताया जा रहा है कि क्या वाकई चुनाव आचार संहिता लागू है। शहर के हर चौक -चौराहों से लेकर राजनीतिक पार्टियांे के कार्यालयों के साथ-साथ डांडियां के नाम पर हो रही कमाई तथा इकट्ठी की जा रही भीड़ से प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया है। स्थिति यह है कि इस लापरवाही के कारण कहीं कोई बड़ी घटना हो जाती है तो फिर उसमें सफाई का दौर शुरू हो जाएगा।

Raigarh News:- एक जानकारी के अनुसार शहर के कई जगहों में नवरात्रि के नाम पर डांडियां के बड़े आयोजन हो रहे हैं और इनमें छोटे पर्दो के कलाकारों के साथ-साथ कुछ नामचीन हस्ती भी पहुंच रही है। इसके अलावा राजनीतिक पार्टियांे द्वारा चुनाव जीतने के लिये भी बिना अनुमति रैलियां या और कोई आयोजन धड़ल्ले से किये जा रहे हैं जबकि चुनाव आचार संहिता लागू होनें के बाद पूरे छत्तीसगढ़ में धारा 144 लागू हो चुकी है और ऐसे में इसका पालन कराना पुलिस के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारियों का दायित्व बनता है।

Raigarh News:-लेकिन सूत्र बताते हैं कि बड़े लोगों के लिये खुली छूट दे दी गई है और केवल बार्डर से लगे इलाकों में गाड़ी रोककर जांच तक ही कार्रवाई सिमित है जबकि देर रात तक तेज साउंड व धारा 144 का होता उल्लंघन इस बात का उदाहरण है कि अधिकारी पूरी तरह इस मामले में इस मामले में लापरवाह हो गए हैं। आयोजनों में पास तथा चंदे के नाम पर हो रही मोटी राशि के अलावा भारी भीड़ को रोकने के लिये कोई नियम नही बनाये गए हैं और ऐसे आयोजन देर रात तक चलने से चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ाना आम बात हो गई है।Raigarh News:-

Raigarh News:-सूत्रों की मानें तो आदर्श आचार संहिता लागू होनें के बाद लगातार नियम तोड़े जा रहे हैं लेकिन अभी तक जिले में कहीं भी आचार संहिता या धारा 144 को कड़ाई से पालन कराने के लिये एक भी कार्रवाई न तो पुलिस के पास है और न ही प्रशासनिक अधिकारियों के पास। बहरहाल देखना यह है कि एक के बाद एक होते बड़े आयोजन तथा राजनैतिक पार्टियों की निकलती रैलियां साथ ही साथ टूटते नियमों के मामले में सोते हुए अधिकारी जागते हैं या नही।

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