किसान रखें मौसम का ध्यान, वरना फसल को होगा नुकसान

by Kakajee News

रायपुर। कृषि वैज्ञानिकों ने प्रदेश के किसानों को कृषि कार्य के लिए सामयिक सलाह दी है कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में हल्के से बादल छाए रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 29 से 30 तथा न्यूनतम तापमान 14 से 17 डिग्री एवं आर्द्रता 75 से 85 प्रतिशत रहने की संभावना है।
इसे देखते हुए गेहूं फसल में दूसरी सिंचाई बुआइ के लगभग 40-50 दिन बाद करना चाहिए। इस समय नाइट्रोजन की तीसरी मात्रा की टाप ड्रेसिंग करना चाहिए। इसके बाद लगभग हर बीस दिन के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए। पत्ती में भूरे रंग की धब्बे अंगमारी (ब्लाइट) दिखाई देने पर ताम्रयुक्त फफूंदनाशक दवा का तीन ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
रबी मक्का की बुआई का समय आ गया है। अत: किसान इसकी बुआई के लिए तैयारी करें। चना फसल में पहली सिंचाई बुआई के 40 से 45 दिन बाद करना चाहिए। सरसों की फसल में माहू कीट के शिशु और वयस्क दोनों ही हानिकारक अवस्थाएं है। इस कीट के अधिक प्रकोप होने पर नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल का 250 मिली लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से घोल बनाकर 10 से 15 दिन के अंतराल पर आवश्यकतानुसार दो से तीन बार छिड़काव करें। रबी सूरजमुखी की बुआई का समय आ गया हैं। अत: किसान इसकी बुवाई के लिए तैयारी करें।
सब्जियों और फल की फसलों में कद्दू वर्गीय सब्जियों की फसल के लिए बैग में पौध तैयार करें। केला एवं पपीता के पौध में सप्ताह में एक बार पानी अवश्य दें एवं फूल आने की स्थिति में केला पौध में सहारा दें। आम में बौर आना प्रारंभ हो रहा है।

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