आपकी जासूसी करते हैं फोन में पहले से इंस्टॉल मिलने वाले एप्स, इन्हें डिलीट करने में ही है भलाई

by Kakajee News

यदि आपके पास एंड्रॉयड फोन है तो आपने ध्यान दिया होगा कि नया फोन खरीदने पर भी उसमें पहले से ही कई सारे एप्स प्री-इंस्टॉल मिलते हैं। आईफोन के अलावा तमाम कंपनियों के फोन में ये एप्स प्री-इंस्टॉल आ रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये एप्स यूं हीं नहीं आते, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा खेल चल रहा है। इन एप्स के बदले मोबाइल कंपनियों को तो मोटे पैसे मिलते ही हैं और इसके अलावा इनके जरिए हैकिंग को भी अंजाम दिया जाता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि फोन में पहले से इंस्टॉल एप आपकी जासूसी कर सकते हैं और आपका निजी डाटा चोरी कर सकते हैं।
aडबलिन के ट्रिनिटी कॉलेज में की गई रिसर्च के मुताबिक तमाम कंपनियों के फोन में पहले से इंस्टॉल्ड एप चुपके से यूजर्स का डाटा अपने सर्वर पर स्टोर कर रहे हैं। ये एप्स स्क्रीन, वेब एक्टिविटी, फोन कॉल, डिवाइस आईडेंटिफायर जैसी जानकारी को स्टोर करते हैं। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए भारत और दुनिया में बिकने वाले तमाम फोन के भेजे गए डाटा का इस्तेमाल किया गया है। जिन एप्स पर जासूसी का आरोप है उनमें गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट एप्स के नाम शामिल हैं।
फोन में पहले से इंस्टॉल आने वाले कुछ एप्स को तो आप अनइंस्टॉल कर सकते हैं लेकिन कुछ एप्स ऐसे भी होते हैं जिन्हें आप ना डिलीट कर सकते हैं और ना ही अनइंस्टॉल कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ सस्ते फोन में आने वाले सभी प्री-इंस्टॉल एप, एप स्क्रीन की डिटेल्स कंपनी को भेजते हैं, जिसमें प्रत्येक एप पर बिताए गए समय की जानकारी होती है। रिपोर्ट का दावा है कि इस डाटा को सिंगापुर और यूरोप के बाहर भी भेजा जाता है।
आजकल प्रीमियम स्मार्टफोन में भी फेसबुक, गूगल, अमेजन, व्हाट्सएप, स्पॉटिफाई जैसे एप्स प्री-इंस्टॉल आ रहे हैं। ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि फोन में पहले से इंस्टॉल आने वाले एप का आप इस्तेमाल ना करें। जिसे एप को इस्तेमाल करना है, पहले उसे डिलीट या अनइंस्टॉल करें और फिर से गूगल प्ले-स्टोर से उस एप को डाउनलोड करें, उसके बाद ही उसमें लॉगिन करके उसे इस्तेमाल करें।

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