देशभर में तेजी से बढ़ती गर्मी ने सेहत के लिए कई सारी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। उच्च तापमान में अधिक समय तक रहने के कारण हीट स्ट्रोक का तो जोखिम रहता ही है साथ ही इसका शरीर के कई अंगों पर भी नकारात्मक असर देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, गर्मी और लू के कारण होने वाली समस्याओं से बचाव करते रहना जरूरी है। गंभीर स्थितियों में ये कई अंगों को गंभीर क्षति पहुंचा सकती है साथ ही इसके जानलेवा दुष्प्रभावों का भी खतरा रहता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, उच्च तापमान के कारण आंखों से संबंधित समस्याओं के बढ़ने का खतरा देखा जाता रहा है। अधिक गर्मी और शुष्क हवाएं आपकी आंखों के लिए नुकसानदायक हैं। अस्पतालों में इन दिनों आंखों में लालिमा, दर्द, जलन और एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस के मामले भी बढ़े हैं। इतना ही नहीं उच्च तापमान आंखों में सूखेपन यानी ड्राई आइज की समस्या को भी बढ़ाने वाली हो सकती है, जिसको लेकर सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
बढ़ती गर्मी आंखों के लिए कितनी खतरनाक है इस बारे में जानने के लिए हमने पुणे में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ प्रतिभा दीक्षित से संपर्क किया। डॉ प्रतिभा कहती हैं, गर्मियों में हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाव करते रहना तो जरूरी है ही साथ ही आंखों की सेहत को लेकर भी सावधानी बरतनी चाहिए। गर्मियों के दौरान, न केवल त्वचा बल्कि आंखों को भी यूवी किरणों से बचाने की जरूरत होती है। थोड़ी सी असावधानी के कारण आंखें में लालिमा, खुजली, जलन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
डॉ प्रतिभा बताती हैं, बहुत ज्यादा गर्मी और सर्दी दोनों ही आंखों के लिए नुकसानदायक है। ये आंखों में सूखेपन के खतरे को बढ़ा देती है। ड्राई आई की समस्या तब होती है जब आपकी आंखें नम रहने के लिए पर्याप्त आंसू का उत्पादन नहीं कर पाती है। इन स्थितियों में आपकी आंखें असहज महसूस करती हैं और कुछ मामलों में यह दृष्टि संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकती हैं।
अगर समय रहते इस समस्या का उचित इलाज न किया जाए तो इसके कारण धुंधला दिखाई देने और आंखों की रोशनी कम होने का भी खतरा हो सकता है।
कैसे करें ड्राई आइज की समस्या की पहचान?
ड्राई आइज के कारण आंखों में कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं। गर्मियों में धूप के कारण आपकी आंखों में चुभन, जलन या खुजली होने लगती है, इसके अलावा कुछ लोगों को प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता का भी खतरा हो सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान देते रहना और समय पर इसका उपचार प्राप्त करना आवश्यक माना जाता है।
आंखों का लाल रहना।
आंखों में कुछ होने का एहसास।
रात में गाड़ी चलाने में कठिनाई।
आंखों से अक्सर पानी आना, आंखों में जलन बने रहना।
धुंधला दिखाई देना या आंखों में अक्सर थकावट का एहसास होते रहना।
ड्राई आइज की समस्या से कैसे बचें?
नेत्र रोग विशेषज्ञ बताती हैं, गर्मी के कारण निर्जलीकरण होने का जोखिम रहता है जिससे आंसू का उत्पादन भी कम हो जाता है। इस तरह के जोखिमों से बचे रहने के लिए सुनिश्चित करें कि आप पूरे दिन खूब पानी पीते रहें। इसके अलावा एयर कंडीशनर के सीधे संपर्क में रहने से भी बचना जरूरी है। ये आपकी आंखों को सूखा बना सकती है। आहार को ठीक रखना, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन्स से भरपूर चीजों का अधिक सेवन करना भी आंखों को स्वस्थ रखने और गर्मी के कारण होने वाले दुष्प्रभावों से बचाने में मददगार है।