रायपुर। लगभग 15 वर्ष के वनवास के बाद प्रदेश की सत्ता में आई कांग्रेस में नेताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है और कार्यकर्ता घटते जा रहे हैं। इससे पार्टी संगठन की चिंता बढ़ गई है। वजह यह है कि डेढ़ दशक तक प्रदेश की सत्ता में रही भाजपा में भी नेताओं की बड़ी फौज खड़ी हो गई थी।
इससे पार्टी संगठन की जनता से दूरी बढ़ गई थी। विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का एक बड़ा कारण इसे भी माना जाता है।इसे देखते हुए कांग्रेस संगठन ने कार्यकर्ता सम्मेलन के माध्यम से पार्टी के कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने की कवायद शुरू की है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने शुक्रवार को जशपुर से इसकी शुरुआत कर दी।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि शुक्रवार को सुबह 10 बजे जशपुर और शनिवार को सुबह 10 बजे बलरामपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन होगा। दोनों जगहों पर पीसीसी अध्यक्ष मरकाम पहुंचेंगे और कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करेंगे।
जमीन से जुड़े रहने की कोशिश
संगठन यह नहीं चाहती है कि सत्ता का सुख भोगने के चक्कर में कांग्रेस जनता से ही न कट जाए। इसे देखते हुए चरणबद्ध तरीके से सभी जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन के आयोजन की शुरुआत की गई है। इस सम्मेलन के बहाने पीसीसी अध्यक्ष प्रदेश का दौरा भी कर रहे हैं। इस दौरान वे पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रदेश सरकार की योजनाओं और उनके क्रियान्वयन पर फीडबैक भी लेंगे।
श्रमदान के माध्यम से लोगों के बीच पहुंचने की कोशिश
पार्टी के नेताओं के अनुसार जिलों में होने वाले कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान जनता के बीच जाकर पार्टी की तरफ श्रमदान भी किया जाएगा। इससे कार्यकर्ता तो रिचार्ज होंगे ही, जनता को भी लगेगा की पार्टी उनके साथ ही और लोग पार्टी से जुड़े रहेंगे।
जनहित के मुद्दों को सरकार तक पहुंचाएंगे कार्यकर्ता
सम्मेलन के दौरान कार्यकर्ताओं से जनहित के मुद्दों को समझने, जनता के बीच रहने, उनकी समस्याओं और मांगों को सरकार या पार्टी के क्षेत्रीय विधायकों तक पहुंचाने के लिए कहा जा रहा है। जनता की समस्या का समाधान होगा तो पार्टी का जनाधार बना रहेगा और नए कार्यकर्ता भी तैयार होंगे।
युवा कांग्रेस में भी प्रशिक्षण
इधर, प्रदेश कांग्रेस युवा नेताओं को भी रिचार्ज करने में लगी है। हाल ही में रायपुर में युवा कांग्रेस का तीन दिवसीय प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर रखा गया था। इसमें युवा कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के संघर्ष, विचारधारा की जानकारी दी गई थी। कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने कि लिए शिविर के दौरान श्रमदान भी कराया गया था।