बीजापुर। जिले के भोपालपटनम ब्लाक मुख्यालय से 17 किमी दूर इंद्रावती नदी के किनारे बसें भद्रकाली मंदिर में माँ के दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी हैं।
बसंत पंचमी के मौके पर भद्राकाली में मेले का आयोजन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, यहाँ तीन दिनों का मेला सजाया जाता है, मंदिर दर्शन के लिए तीन राज्यों महाराष्ट्र, तेलंगाना व छत्तीसगढ़ से हजारों श्रद्धालु दर्शन करने भद्रकाली मंदिर पहुंचते हैं। इन
पड़ोसी राज्यों के हजारों कि तादात में लोग पहुंचकर कर माँ भद्राकाली से मन्नत मांगते हैं,मंदिर में देवी काली को समर्पित है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि काकातिया शासक जो देवी काली के आस्तिक थे पहले यहां तस्वीर स्थापित करते थे। वह स्थान जहां मंदिर स्थित है वह पहले जंगलों में स्थित एक गुफा थी। राजा अनम देव यहां आकर ठहरे थे।
तीन सालों में एक बार होता है अग्निकुंड,खौलते आँगर में चलते हैं लोग
इस वर्ष अग्निकुंड का आयोजन हुआ सोमवार की अग्निकुंड किया गया, देवी देवताओं की शक्ति है यहां लोग सुलाते आग के अंगारों पर नंगे पांव इस पर चलते हैं । माँ कि बड़ी शक्ति होती हैं। देवी भद्रकाली को शक्ति की देवी माना जाता है और उनके भक्त यहाँ आकर उनकी पूजा करके सुख, समृद्धि और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं। मंदिर में विशेष त्योहारों और अवसरों पर भव्य पूजा और अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।
नवरात्रि और अन्य प्रमुख अवसरों पर यहाँ भव्य कार्यक्रम होते हैं जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।