ओ.पी.फैक्टर बना भाजपा की महा-विजय का निर्णायक कारण

by Kakajee News

(मुकेश जैन)

इस चुनाव में भाजपा की इकतरफा जीत की सबसे बड़ी वजह ओ पी चौधरी की विकासपरक राजनीति को माना जा रहा है। ओ पी चौधरी ने विधायक बनने के बाद से रायगढ़ के पारम्परिक राजनीतिक तौर-तरीकों को बदलकर जनोन्मुखी विकास को राजनीति का आधार बनाने हेतु दिन-रात मेहनत की। एक ही राजनीति-विकास की राजनीति को उन्होंने ध्येय वाक्य बना लिया। चौदह महीनों के अल्प कार्यकाल में जनता की उम्मीदों के अनुरूप विकास की दिशा में ताबड़-तोड़ उपलब्धियां हासिल करके उन्होंने आम लोगों के मन में यह विश्वास पैदा किया कि ओ पी की अगुवाई में रायगढ़ विकास की लंबी छलांग लगाने के मुहाने पर खड़ा है। इस निगम चुनाव में जनता का यह विश्वास ही ओ. पी. फैक्टर के रूप लोगों के सर चढ़कर बोला और भाजपा के पक्ष में एक तेज आंधी चल पड़ी। प्रत्याशी लगभग गौण हो गया और अधिकांशतः केवल ओ.पी. का नाम और कमल का निशान देखकर जनता ने बटन दबा दिया।

महापौर प्रत्याशी हेतु अप्रत्याशित रूप से चाय बेचने वाले एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता जीवर्धन चौहान का चयन करके ओ पी ने ऐसा मास्टर स्ट्रोक खेला कि जिसका तोड़ कांग्रेस अंत तक नहीं खोज पायी। कार्यकर्ताओं के इस चुनाव में ओ पी ने जमकर पसीना बहाया और फ्रंट-फुट में बैटिंग करके यह जतला दिया कि अपने लिये काम करने वाले कार्यकर्ताओं के साथ मजबूती से कैसे खड़ा हुआ जाता है। एक मँजे हुये राजनीतिज्ञ की तरह प्रत्याशी चयन में सभी प्रमुख नेताओं से निरंतर संवाद स्थापित करके ओ पी ने सशक्त उम्मीदवारों की टोली को मैदान में उतारा। यह ओ.पी. की कार्यशैली ही थी कि छोटे कार्यकर्ताओं के इस जटिल चुनाव में भाजपा में कोई गंभीर असंतोष नहीं उभर पाया।सामाजिक,जातिगत और गुटीय संतुलन को साधने में उनकी राजनीतिक कुशलता का लोहा विपिक्षियों ने भी माना। उन्होंने आगे आकर प्रचार अभियान का नेतृत्व किया और खुद को पूरी तरह झोंक दिया। फलस्वरूप भाजपा का चुनाव अभियान बेहद कसा हुआ, सुव्यवस्थित और सुगठित रहा। समय-समय पर तथ्यपरक आरोप- पत्र और एक साल के विकास कार्यों का रिपोर्ट-कार्ड जनता के बीच रखकर उन्होंने कांग्रेस की बोलती बंद कर दी। सर्व समाज की बैठक करके उन्होंने अपना विज़न सामने रखा और पूरे चुनाव को एक फाइनल टच दिया।कुल मिलाकर ओ.पी.चौधरी का करिश्माई नेतृत्व रायगढ़ नगर निगम के चुनाव में भाजपा की इस ऐतिहासिक महा-विजय का निर्णायक फैक्टर रहा। इस विजय ने उन्हें एक नायक से उठकर महानायक बना दिया है। उम्मीद की जानी चाहिये कि ओ.पी.चौधरी और जीवर्धन चौहान की जोड़ी रायगढ़ के विकास को भी ऐतिहासिक ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सफल होंगे।

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