बीजापुर। जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर एकजुट होकर कलेक्टर कार्यालय का रुख किया और उन्हें ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने विभागीय पर्यवेक्षकों (सुपरवाइजरों) द्वारा किए जा रहे प्रताड़ना व जन पर शोषण का आरोप लगाया है।
कार्यकर्ताओं संघ का कहना है कि “FRS पोषण ट्रैकिंग” के तहत हितग्राहियों का फेस कैप्चर करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। नेटवर्क की समस्या, OTP प्राप्त न होना और हितग्राहियों के पास स्मार्टफोन की अनुपलब्धता जैसे कारणों से कार्य बाधित हो रहा है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि विभाग द्वारा दिए गए मोबाइल फोन उपयोगी नहीं हैं और कार्य करने के लिए 5G मोबाइल की मांग की जा रही है, जो उनके लिए आर्थिक रूप से संभव नहीं है।
मानसिक प्रताड़ना और वेतन कटौती के आरोप
ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने बताया कि कुछ पर्यवेक्षकों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। बिना किसी पूर्व सूचना के वेतन में कटौती की जाती है, किराया, TA और सुपोषण चौपाल के नाम पर कमीशन की माँग की जाती है। विरोध करने पर कार्यकर्ताओं को “नेतागिरी” कहकर बैठकों से बाहर निकाल दिया जाता है और बदतमीजी से व्यवहार किया जाता है।
स्थानांतरण की मांग
कार्यकर्ताओं की तीसरी प्रमुख मांग यह है कि बीजापुर जिले में तीन साल से अधिक समय से पदस्थ सभी अधिकारी और पर्यवेक्षक को तत्काल स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी लगातार तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं और शोषण की हदें पार हो चुकी हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मामले को किस तरह से लेता है और क्या इन समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं या नहीं।
