कोरबा.अनूपपुर और कोरबा में मानव तस्करी जैसे जघन्य अपराध के खिलाफ एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की गई है। “विश्व मानव दुर्व्यापार विरोधी पखवाड़े” का शुभारंभ 19 जुलाई से एक विशेष अभियान के साथ हो रहा है, जो आगामी 30 जुलाई तक चलेगा। यह अभियान रेलवे अनूपपुर, आरपीएफ कोरबा और एक्सिस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रेन होलिस्टिक एक्शन रिसर्च एंड डेवलपमेंट (हार्ड) संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
इस महत्वपूर्ण अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में मानव तस्करी के बारे में व्यापक जागरूकता फैलाना और इस गंभीर अपराध के विरुद्ध लड़ाई में लोगों को सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रेरित करना है। इस पहल के माध्यम से लोगों को इस अपराध के विभिन्न पहलुओं, उसके दुष्परिणामों और पीड़ितों को कैसे मदद की जा सकती है, इसकी जानकारी प्रदान की जाएगी।
अभियान के शुभारंभ पर आरपीएफ सब इंस्पेक्टर श्री एस. के. शर्मा ने इस पहल की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि यह अभियान अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमें बच्चों के हित में सघन जागरूकता चलाकर मानव एवं बाल तस्करी पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाना है।” उनका यह बयान मौजूदा स्थिति की गंभीरता और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करता है, विशेषकर बच्चों को निशाना बनाने वाले तस्करों के खिलाफ।
हार्ड संस्था कोरबा के समन्वयक श्री कपिल शुक्ला ने इस भयावह समस्या की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न सरकारी आंकड़ों का विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार मानव दुर्व्यापार की जड़ें समाज में गहरी पैठ बना चुकी हैं और इसके कारण असंख्य जिंदगियां तबाह हो रही हैं। श्री शुक्ला ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी वर्गों से एकजुट होकर सहयोग करने का भावुक आग्रह किया, ताकि समाज को इस अभिशाप से मुक्त किया जा सके।
मानव दुर्व्यापार एक वैश्विक और गंभीर समस्या है, जिसमें व्यक्तियों को जबरन श्रम, यौन शोषण (वेश्यावृत्ति), दासता और अन्य अमानवीय कृत्यों के लिए मजबूर किया जाता है। यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है और समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर बच्चों और महिलाओं को अपना शिकार बनाता है। यह अकेले किसी एक क्षेत्र की समस्या नहीं, बल्कि पूरे विश्व में फैले इस संगठित अपराध से लड़ने के लिए हमें एकजुट होकर, समन्वित प्रयासों के साथ खड़ा होना होगा।
यह पखवाड़ा न केवल जागरूकता बढ़ाने का माध्यम बनेगा, बल्कि पीड़ितों को न्याय दिलाने और भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक मजबूत नींव भी रखेगा। इस अभियान के माध्यम से समाज में एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण निर्मित करने की उम्मीद है, जहां कोई भी व्यक्ति शोषण का शिकार न हो।
