बिलासपुर। कालोनाइजर द्वारा कालोनी निर्माण के नाम पर की गई फर्जीवाड़ा की शिकायत के बाद भी रायपुर नगर निगम कमिश्नर द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसे लेकर कालोनीवासियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने निगम आयुक्त की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। कोर्ट को याचिकाकर्ताआंे ने यह भी जानकारी दी है कि कालोनाइजर द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा कर कालोनी का निर्माण कर दिया है। दस्तावेजी प्रमाण के बाद भी निगम आयुक्त कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
याचिका की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा के सिंगल बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि दस्तावेजी प्रमाण मिलने के बाद भी अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। नाराज कोर्ट ने निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। इसके लिए 18 मार्च की तिथि तय कर दी है।
रायपुर स्थित राजधानी कालोनी के निवासियों ने अपने वकील के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर शिकायत की है कि कालोनाइजर द्वारा तय ले आउट के अनुसार सड़क, वेंटिलेशन व अन्य सुविधाएं नहीं दी गई। जमीन कहीं और दिखा कर कहीं और दे दी गई है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि सरकारी विभागों से हासिल दस्तावेजों और तथ्यों से पता चला कि कालोनाइजर ने राजधानी कालोनी में सरकारी जमीन पर कब्जा कर आवास बना दिया है। ऐसी स्थिति में जब भी निगम या फिर राज्य शासन के निर्देश पर जमीन का सीमांकन होगा आवास में रहने वाले लोग प्रभावित होंगे। याचिका के अनुसार कालोनाइजर ने अपनी खुद की जमीन बेचने के एवज में भारी भरकम राशि भी ले ली है। जीवनभर की गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा आवास खरीदने में खर्च हो गया है। सरकारी जमीन से बेदखली का आदेश जारी होने पर वे लोग प्रभावित होंगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने नगर तथा ग्राम निवेश व नगर निगम के आला अफसरों को संयुक्त टीम बनाने और जांच का निर्देश दिया था। जांच के दौरान अवैध निर्माण पाए जाने पर तोड़ने की बात कही थी। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी नगर तथा ग्राम निवेश विभाग व नगर निगम के आला अफसरों ने आजतलक कोई कार्रवाई नहीं की है।
कालोनीवासियों ने दायर की अवमानना याचिका हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी जब दोनों विभाग के आला अफसरों ने ध्यान नहीं दिया तब कालोनीवासियों ने वकील प्रफुल्ल एन भारत के जरिए दोनांे विभाग के आला अफसरों के खिलाफ न्यायालयीन आदेशों की अवेहलना का आरोप लगाते हुए अवमानना याचिका दायर कर दी है। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने रायपुर नगर निगम आयुक्त को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का आदेश जारी किया था। निगम आयुक्त ने जवाब पेश करने के बजाय हाई कोर्ट में रिव्यू याचिका दायर कर दी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा के सिंगल बंेच में हुई। सुनवाई के दौरान सभी तथ्यों को लेकर कोर्ट ने एक बार फिर निगम आयुक्त से जवाब-तलब किया। निगम आयुक्त की कार्यप्रणाली को लेकर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई और नोटिस जारी कर 18 मार्च को व्यक्तिगत रूप से तलब करते हुए उपस्थिति का आदेश जारी किया है।