यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हड़ताल से सोमवार को देशभर में बैंकों में चेक क्लीयरेंस सहित अन्य बैंक सेवाओं पर असर दिखा। हड़ताल का असर एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा समेत सभी सरकारी बैंकों पर दिख रहा है। ऑल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम के मुताबिक बैंकों के शाखा स्तर पर चेक क्लीयरेंस और सरकारी लेनदेन पर असर पड़ा है। इसके साथ ही उनहोंने कहा कि मुद्रा बाजार और शेयर बाजार पर भी इसका असर दिख सकता है। हालांकि, इस दौरान निजी क्षेत्र के बैंकों आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक की शाखायें रोजमर्रा की तरह काम करती रही। निजी क्षेत्र के बैंक इस हड़ताल में शामिल नहीं हैं।
हड़ताल की वजह
सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की सरकार की घोषणा के खिलाफ इस हड़ताल का आह्वान किया गया है। यूएफबीयू ने 15 और 16 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। उसका दावा है कि 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी इस हड़ताल में भाग लेंगे। यूएफबीयू बैंकों के अधिकारी और कर्मचारियों की नौ यूनियनों का एक संयुक्त मंच है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है। सरकार के निजीकरण कार्यक्रम के तहत इसकी घोषणा की गई। सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर चुकी है। आईडीबीआई बैंक की बहुलांश हिस्सेदारी बीमा क्षेत्र की कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच दी गई। इसके अलावा सरकार पिछले चार साल के दौरान 14 बैंकों का आपस में विलय भी कर चुकी है।
ये हैं हड़ताल में शामिल
यूएफबीयू के बैनर तले आने वाली बैंक यूनियनों में आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसिएशन (एआईबीईए), आल इंडिया बेंक आफीसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कन्फेडरेशन आफ बैंक एम्पलायीज (एनसीबीई), आल इंडिया बैंक आफीसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक एम्पलायीज कन्फेडरेशन आफ इंडिया (बीईएफआई) के साथ ही इंडियन नेशनल बैंक एम्पलायीज फेडरेशन (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक आफीसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल आगर्नाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशनल आगर्नाइजेशन आफ बैंक आफीसर्स (एनओबीओ) शामिल हैं।