ओमकार की खबर

सारंगढ़ । चैत नवरात्रि के छठे दिन रविवार को देवी मंदिरों में मां दुर्गा के छठे रूप मां कात्यायनी देवी की पूजा अर्चना की गई । देवी भक्तों का कहना है कि – माता कात्यायनी की विधि विधान से पूजा करने से सभी मनो कामनाएं पूरी होती है । नगर के छोटे-मठ गोपाल जी मंदिर के महंत बंशी मिश्रा ने बताया कि – मां कात्यायनी की पूजा करने से शादी में आ रही बाधा दूर होती है और भगवान बृहस्पति प्रसन्न होकर विवाह का योग बनाते हैं । उन्होंने यह भी बताया कि – महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया था । इसलिए उन्हें कात्यायनी कहा जाता है । माता कात्यायनी ने ही अत्याचारी राक्षस महिषासुर का वध कर तीनों लोगों को उसके आतंक से मुक्त कराया था।
रायगढ़ जिला में इन दिनों लॉक डाउन के चलते मंदिरों में सन्नाटा पसरा हुआ है । सड़कें सुनसान दिखाई दे रही है । श्रद्धालु भक्त अपनी निवास में ही माता का ध्यान कर , पूजा अर्चना कर , उपवास रह रहे हैं । आज सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा देवी मंदिरों के साथ ही साथ गोपाल जी छोटे मठ मंदिर में हुआ । छोटे मठ के महंत बंशी मिश्रा जी ने बताया कि – नवरात्रि के सातवें दिन देवी मंदिरों में मां कालरात्रि की निशा पूजन किया जाता है । इस दौरान रात 12 बजे से यह पूजा आरंभ होती है और सुबह के 3 बजे तक चलता है । इस पूजन से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है । रात को ही तीनों शक्तियों की पूजा की जाती है । जिसमें मां महाकाली , महालक्ष्मी , महादुर्गा की पूजा होती है ।
