मोदी की वैश्विक महामारी में महंगे वैक्सीन बेचने की सोच
रायगढ़। भारत के नागरिक विदेशी बीमारी कॅरोना के कोहराम से त्रस्त हैं पर इसमें भी लाभ पाने की मानसिकता के लिए जब देश की सत्ता में बैठे लोग जन सहयोग और भारतीय संस्कार को भुला देते है तो सुनिश्चित है जर्मनी के शासक एडल्फ़ हिटलर की कार्यप्रणाली ही दिखती है। ऐसे ही भारतीय चेहरे से देश की जनता परेशान हो रखी है पर देश की सत्ताधारी पार्टी के नेता जनसेवा से अलग होकर विलाप का चेहरा प्रदर्शित कर रहे हैं जो कि विरोध करने पर भी अंग्रेजीयत का चेहरा ही दिख रहा है। तालिका जिसमे सीरम इन्टस्टिट्यूट वालों ने भारत से भी कम दर पर विदेशों को दी वैक्सीन
वैक्सीन के दरभारत मे 150-600 ₹ में
सऊदी अरब में 393₹ में
दक्षिण अफ्रीका में 393 ₹ में
अमेरिका में 299 ₹ में
बांग्लादेश में 299 ₹ में
ब्राजील में 236 ₹ में
ब्रिटेन में 224 ₹ में
यूरोपीय संघ में 161से262 ₹ में
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नगेन्द्र नेगी,संतोष राय,जेठूराम मनहर,अनिल अग्रवाल,सतपाल बग्गा, प्रदीप मिश्रा,मनोज सागर,संजय देवांगन,यतीश गांधी,नारायण घोरे,राहुल शर्मा,संदीप अग्रवाल,भुवाल शुक्ला,रजत गोयल,टासा परमानिक, लीनु जॉर्ज, अनिल साहू,मुकेश बरेठ, अनिल साव,विजय अम्बवानी आदि ने संयुक्त रूप से कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल निरंतर छत्तीसगढ़ की जनता के स्वास्थ्य के लिए कार्यरत रहे विदेशी बीमारी करोना से बचाव के लिए मुफ्त टीकाकरण का आह्वान और प्रतिज्ञा की तो प्रदेश की सत्ता खो चुके भाजपा के फोटोनुमा नेता विरोध के लिए जिले में अपने घरों विरोध दिखाने के फोटो भेज बैठे और स्वयं ही अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। कॅरोना के समय जनसेवा करने की छोड़ ये विरोध करने में लग गए जिससे ये फूटी ढेली भी खर्च न करें इनके पास मानवीयता और इंसानियत जैसे शब्द ही नहीं है। इन भाजपा नेताओं ने अपने विरोध में कहीं भी इस चीज का उल्लेख नहीं किया कि उनकी पार्टी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा निर्मित किया गया प्रधानमंत्री केयर फंड से करोना बीमारी से बचाव के लिए क्या-क्या जनहित के कार्य किए गए वही पूरा भारत “नमस्ते ट्रंप” के कारण इस विदेशी बीमारी कॅरोना से सहमे हुए सा है। जिसके लिए निश्चित ही भारत की जनता यह पूछ रही है कि जब बचाव कार्य को किया जाना था तो चुनाव और राजनीतिक रैलियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने केंद्रीय मंत्रियों के साथ शामिल रहे और अब-जब ये बीमारी का दूसरा स्टेप भारत में फैल गया तो मगरमच्छ के आंसू के समान इसके बचाव के लिए केंद्रीय सत्ता पार्टी भाजपा विलाप प्रदर्शित कर रही है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में 18 वर्ष और उसके ऊपर के नागरिकों को टीका लगाए जाने की अनुमति का आग्रह किया और साथ ही साथ छत्तीसगढ़ में यह टीका मुफ्त किए जाने की योजना को जनता के समक्ष रखा तो ₹150 प्रति व्यक्ति इसका दर केंद्र की भाजपा सरकार ने निर्धारित किया था उसे महंगा कर दिया गया और छत्तीसगढ़ में यह ₹400 प्रति व्यक्ति वैक्सीन करवा दिया गया जबकि यह जनहित में छत्तीसगढ़ प्रदेश में मुफ्त किया जाना की योजना थी भारतीय जनता पार्टी कि केंद्र सरकार यदि चाहती तो इसे आवश्यक मानते हुए “”दवाओं के मूल्य नियंत्रण में रखकर”” इसका दर वापस 150₹ निर्धारित करवा सकती थी और पीएम केयर्स फंड से का सही हिसाब-किताब बता कर कॅरोना बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन को मुफ्त भी करवा सकती थी पर यह उम्मीद मोदी और बीजेपी से करना धोखा का रास्ते बता सकती है। इन कांग्रेस कार्यकर्ताओं मेंनगेन्द्र नेगी,संतोष राय,जेठूराम मनहर,अनिल अग्रवाल,सतपाल बग्गा, प्रदीप मिश्रा,मनोज सागर,संजय देवांगन,यतीश गांधी,नारायण घोरे,राहुल शर्मा,संदीप अग्रवाल,भुवाल शुक्ला,रजत गोयल,टासा परमानिक, लीनु जॉर्ज, अनिल साहू,मुकेश बरेठ, अनिल साव,विजय अम्बवानी आदि नेने कहा कि कोरोना के नाम पर ट्रेनों के टिकट कई गुना बढ़ा दिए गए आपदा में मोदी सरकार व्यपार करना बंद करे,मोदी सरकार में साहस है तो एक राष्ट्र- एक दाम करे वैक्सीन का। केंद्र सरकार सभी प्रदेशो को आवश्यकता के आनुसार आर्थिक मदद करे,छत्तीसगढ़ के मजदूर-गरीबो के खाते से सीधे पैसा क्यों नही डालती?बीजेपी अपने आका नरेंद्र मोदी सरकार से पूछे जवाब नही मिले तो इन विषयों पर धरना प्रदर्शन करने का नैतिक साहस दिखाएं छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता।