भाई साहब, मैं कैलिफोर्निया में बैठा हूं, तुरंत आना संभव नहीं है। मेरे भइया की तबीयत बहुत खराब है। जितने कहो, उतने पैसे ट्रांसफर कर दूं लेकिन प्लीज दो सिलेंडर नोएडा भेज दो…. सर, इंटरनेट से आपका नंबर मिला है। मैं सऊदी में फंसा हूं। मेरी मम्मी की जान चली जाएगी। किसी तरह से एक सिलेंडर का इंतजाम कर दीजिए….ऑक्सीजन के लिए मारामारी के हालात समझने के लिए ये दो फोन कॉल्स सिर्फ बानगी भर हैं। टीवी पर भारत में कोरोना की भयावहता और ऑक्सीजन की मारामारी से अब सात समुंदर पार बैठे अपने भी खौफजदा होने लगे हैं। लाचारी में वे इंटरनेट से आसपास के शहरों के ऑक्सीजन प्लांट्स के नंबर तलाशकर मदद मांग रहे हैं। यहां ऑक्सीजन प्लांट्स में ऐसे फोन कॉल्स की संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है।
ऑक्सीजन के कारोबार से जुड़े लोग मान रहे हैं कि विदेशी चैनल लगातार भारत में कोरोना की भयावह तस्वीर दिखा रहे हैं। इससे विदेशों में बैठे लोगों में भी डर बैठ रहा है। लोग विदेशों से मुरादाबाद के ऑक्सीजन प्लांट पर फोन करके अपने स्वजनों के लिए ऑक्सीजन भेजने की मांग हो रही है । इनमें मुरादाबाद, मेरठ, बुलंदशहर से लेकर नोएडा-गाजियाबाद तक के लोगों के लिए फोन आ रहे हैं। वे किसी भी कीमत पर सिलेंडर भेजने की मांग कर रहे हैं। जाहिर है पहले ही दबाव में चल रहे प्लांट्स के लिए बाहर सिलेंडर भेजना संभव नहीं हो पा रहा है।
लाकड़ी फाजलपुर में मौजूद क्वत्रा ऑक्सीजन प्लांट के संचालक विपिन क्वात्रा बताते हैं कि उनके पास हर कम से कम एक दर्जन फोन दूसरे देशों में बैठे लोगों के आ रहे हैं। वे यहां मुरादाबाद या आसपास के शहरों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के लिए सिलेंडर उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। उनके पास नोएडा-दिल्ली तक सिलेंडर भेजने के लिए फोन कॉल आ चुके हैं। वे सिलेंडर भेजने के लिए आने-जाने के किराये से लेकर सिलेंडर की कोई भी कीमत देने को तैयार हैं। अधिकतर लोग इंटरनेट से नंबर तलाश रहे हैं। सभी प्लांट्स पर मदद के लिए ऐसी कॉल्स आ रही हैं।