जांजगीर-चाम्पा – आरक्षक पुष्पराज सिंह की संदिग्ध मौत मामले की मजिस्ट्रियल जांच के लिए अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है, एसपी के प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने जांजगीर एसडीएम मेनका प्रधान को जांच का जिम्मा सौंपा है।
मामले की जांच के लिए 4 बिन्दु तय किया है, लेकिन मेनका प्रधान के होम आइसोलेशन में होने के कारण जांच शुरू नहीं हो पाई है।
उनके ठीक होने के बाद भी जांच शुरू की जाएगी।
आरक्षक पुष्पराज की मौत के बाद परिजनों ने मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
परिजनों ने विभाग की तरफ से दी गई 50 हजार की अनुग्रह राशि भी लौटा दिया है।
वही आरक्षक के भाई ने वीडियो जारी कर इसे सुनियोजित षड्यंत्र बताकर सीबीआई जांच की मांग की है।
इन बिन्दुओं पर होगी जांच,
आरक्षक क्रमांक 182 पुष्पराज सिंह की मौत के क्या कारण थे ?
आरक्षक की मौत के लिए क्या कोई दोषी है ?
आरक्षक की मौत संदिग्ध परिस्थियों के अधीन हुई है या उसकी अप्राकृतिक मृत्य हुई हैं. यदि ऐसा नहीं हुआ, तो उसकी मौत का दृश्यमान हेतुक क्या है ?
अन्य बिंदु जो जांच अधिकारी उचित समझें।
बता दें कि 13 मई की रात आरक्षक पुष्पराज सिंह की लाश संदिग्ध अवस्था में सड़क पर मिली थी।
शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने कार्डियोरैसपाइरेटरी अरेस्ट (हृदय की धड़कन रुकने से मौत) का कारण बताया है।
आरक्षक पुष्पराज सिंह सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठाता रहता था, इसलिए आशंका जाहिर की जा रही है कि उसकी हत्या की गई है।