रायगढ़. जिले के सारंगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बरदुला में 16 मार्च 1951 में पैदा हुए एक उत्कृष्ण लोक संगीत कलाकार दिलदार महंत का निधन 18 मई को उनके निवास स्थान सरईभद्दर छातामुड़ा रायगढ़ में हुआ। उनकी अंतिम इच्छा की पूर्ति करते हुए परिजनों द्वारा उनके गृह ग्राम जन्म स्थान बददुला में मृत शरीर को लाकर अंत्योष्टि संस्कार किया गया। दिलदार दास पुलिस विभाग में एएसआई पद से सेवानिवृत्त थे। वर्तमान में उनके परिवार में पत्नी सहित 3 पुत्र 01 पुत्री है इनके स्व. पिता प्रसाद दास लयदारी शैली के सुप्रसिद्ध तबला वादक तथा रामचरित्र मानस गायक थे। पिता से दिलदार को बचपन से संगीत की प्रेरणा प्राप्त होते हुए गंवई के माटी छत्तीसगढ़ी पार्टी रायगढ़ में नृत्य संचालक के रूप में कार्य किये आप मृदंग, बांसुरी, तबला, हारमोनियम आदि वाद्यों के वादक थे तथा दूर-दूर तक जाकर रामचरित्र मानस गायन कर श्रोताओं के मन को मोहित करते हुए अत्यंत लोकप्रिय हुए।
सारंगढ़ क्षेत्र के संगीताचार्य श्याम लाल चौहान एवं शिष्यगण विक्रमदास महंत, श्रवण कुमार निराला, संतराम लहरे, निशा, ऋषभ, चित्रांत, कुलदीप, दुर्गेश देवांगन, विद्या जायसवाल, पंकज, मोहन बरेठ, सोनु ठाकर, आदि संगीत परिवार की ओर से स्व. दिलदार दास महंत की मृतात्मा को शांति हेतु विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते है तथा संगीत के क्षेत्र में अपार क्षति महसूस करते हैं।