भभुआ/कैमूर। कैमूर से बड़ी खबर आ रही है। जहां भभुआ विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रही 5 माह बच्ची की लापरवाही से मौत का मामला सामने आया है। बच्ची की तबियत खराब होने पर उसे इलाज के लिए भभुआ सदर अस्पताल ले जाया गया। जहां बच्ची की स्वास्थ्य जांच के दौरान मृत घोषित कर दिया गया। मामला भभुआ विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान का बताया जाता है। वैसे बच्ची की मृत्यु के कारण का खुलासा मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम होने के बाद संस्थान के लोगों द्वारा उसकी अंतिम संस्कार किया गया।
मिली जानकारी के मुताबिक, एक महिला ने एक बच्ची को जन्म देने के बाद सड़क किनारे फेंक दिया गया था। जिसके बाद सूचना पर औरंगाबाद चाईल्ड लाइन बच्ची को अपने कब्जे में लेने के बाद ईलाज करने के उपरांत पालन पोषण के लिए भभुआ बाल दत्तक गृह में भेज दिया गया था। मृतक बच्ची निशि कुमारी बतायी जाती है। जहाँ बच्ची निशि कुमारी का देख भाल हो रहा था।
कर्मियों के लापरवाही के कारण बच्ची का आज मौत हो गयी। बच्ची की ठंढ लगने से मौत होने की बात बताई जा रही है। डीएम के सख्त आदेश के बाद भी भभुआ बाल दत्तक गृह में कुव्यवस्था के कारण एक साल में दूसरी बार बच्ची की मौत की घटना सामने आयी है। आया राधिका देवी ने बताया कि बच्ची को अचानक तबियत खराब हुआ तो उसे अपने पदाधिकारी को फोन कर जानकारी देते हुए सदर अस्पताल इलाज के लिए लाया गया।
जहां उसकी जांच के दौरान मृत घोषित कर दिया गया।बच्ची का पोस्टमार्टम कराया गया। वही सैंपल को विसरा जांच के लिए पटना भेज दिया गया। वही ठंड के मौसम शुरू हो गया लेकिन आज तक रूम हीटर भी संस्था व्यवस्था नहीं कराया है। जिससे मासूम बच्ची की ठंड लगने की वजह से मौत हो गई।बच्ची की मौत के बाद हड़कंप मच गया। जिसके बाद बच्ची की मौत मामले की जांच में अधिकारी जुटे हुए है।
जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई से पूरी घटना की रिपोर्ट मांगी गई है। पटना से मेडिकल रिपोर्ट आने पर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, संस्थान के दो कमरे में मृत बच्ची सहित कुल 13 बच्चों की परवरिश चल रही थी। बाल संरक्षण इकाई की सहायक निर्देशक अंजलिका कृति ने बताया कि आया ने रात में बच्ची को दूध पिलाकर सुला दिया था। सुबह तबीयत खराब होने पर उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया।
गौरतलब है कि उक्त संस्थान में फरवरी 2019 में बक्सर से भभुआ संस्थान में आई नौ माह की बच्ची अनुप्रिया कुमारी की भी उसी वर्ष नवंबर माह के प्रथम पखवारे में ही मौत हो गई थी। इस मामले में हुई जांच में संस्थान के कई कर्मियों पर गाज गिरी थी।