मोहनियां/कैमूर। डॉक्टर को ईश्वर का दूसरा रूप यानी भगवान का दर्जा दिया जाता है। लेकिन कभी-कभी ऐसे भी मामले सामने आते हैं।जिसमें डॉक्टरों द्वारा कलंक माना जाना लगता है। जब डॉक्टर द्वारा मरीज अच्छे से इलाज नहीं किया जाता है और उसके परिजनों के साथ मारपीट किया जाने लगता है तो उसे भगवान नहीं बल्कि शैतान लोग कहने लगते हैं। कुछ ऐसा ही मामला कैमूर जिले से सामने आया है।जहां एक महिला के ऑपरेशन किए जाने के बाद भी जब महिला ठीक नहीं होती है तो उसे लेकर उसके परिजन उस डॉक्टर के पास पहुंचते हैं।जब डॉक्टर से शिकायत करते हैं तो उल्टे डॉक्टर द्वारा उसे ठीक करने के आश्वासन नहीं देते हुए मरीज के परिजनों के साथ अपने स्टाफ के साथ मिलकर मारपीट किया जाता है।
यह मामला कैमूर जिले के मोहनिया का है। डॉक्टर और मरीज के परिजनों के बीच मारपीट का मामला सामने आया है। जहां मरीज के परिजनों द्वारा निजी डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है।मिली जानकारी के मुताबिक, मोहनिया थाना क्षेत्र के भुंडी टेकारी के एक महिला के बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने के लिए मोहनिया के एक निजी क्लीनिक में गयीं थी। जहां डॉक्टर द्वारा मोटी रकम लेकर ऑपरेशन भी कर दिया गया। लेकिन महिला की परेशानी दूर नहीं हुई।
जिसके बाद जब महिला के परिजनों द्वारा डॉक्टर के पास पहुँच कर अपनी परेशानी बताई गई तो डॉक्टर उन्हें भगाने लगा। जब परिजनों ने उनके द्वारा ऑपरेशन कर ठीक होने का बात कह कर छुट्टी देने की बताई जाने लगी तो डॉक्टर मारपीट पर उतारू हो गया और मरीज के परिजनों के कपड़े तक फाड़ डाले, और बेरहमी से डॉक्टर और उनके कर्मियों द्वारा मरीज के परिजनों से मारपीट किया गया। जिसके बाद मरीज के परिजनों ने महिला थाने में आवेदन देकर आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है।
मरीज के परिजन बताते हैं महिला का बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने के लिए यहां पर लाया गया था। जहां मोटी फिस लेकर डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन कर दिया गया। उसके बाद भी परेशानी दूर नहीं हुई तो डॉक्टर से जब संपर्क करने आए तो मारपीट किया गया। मेरे कपड़े भी फाड़ डाले गए। जिसके बाद मैंने थाना को सूचना आवेदन देकर दिया है ।
वही डाक्टर की पत्नी द्वारा मरीज के परिजनों का आरोप लगाते हुए मारपीट करने एवं गले के चेन छीनने का आरोप लगाया गया।
इस संबंध में कैमूर सिविल सर्जन डॉ अरुण तिवारी ने बताया कि यह बात मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर मरीज के परिजनों द्वारा उन्हें आवेदन दिया जाएगा तो जांच कराकर कार्रवाई होगी। पहले भी अवैध क्लिनिको के खिलाफ छापेमारी कराकर व्यापक पैमाने पर करवाई किया गया था फिर जरूरत अगर महसूस हुई तो फिर करवाई होगी ।