देशभर में दिनोंदिन कोरोना की रफ्तार मंद पड़ती जा रही है लेकिन इसी बीच एम्स चीफ सहित कई एक्पर्ट्स यह कह चुके हैं कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर टाली नहीं जा सकती है। कम होते दैनिक मामलों के बाद अब कई राज्यों ने कोरोना प्रतिबंधों में ढील देना शुरू कर दिया है लेकिन कहीं यह ढील देश के लिए महंगी डील न बन जाए, इससे पहले ही केंद्र ने राज्यों को बता दिया है कि वे क्या सतर्कता बरतें। इस संबंध में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के सचिवों को चिट्ठी लिखी है और उन्हें ‘3T+V’ फॉर्मूला अपनाने को कहा है।
चिट्ठी में सभी राज्यों को बताया गया है कि पाबंदियों में छूट देते समय वे टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट और वैक्सीनेशन यानी 3टी प्लस वी फॉर्मूले का ध्यान रखें। राज्यों को निर्देश दिए गिए हैं कि वे कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखें, जैसे मास्क पहनने, हाथ साफ करना, सामाजिक दूरी और बंद जगहों में वेंटिलेशन के ऊपर भी काम करें। कई जगह प्रतिबंधों में ढील मिलते ही सब्जी मंडियों वगैरह में भीड़ देखी जा रही है और कोरोना नियमों का ध्यान नहीं रखा जा रहा।
केंद्र ने राज्यों से कहा है कि भले ही कोरोना के मामले घट रहे हैं लेकिन इसकी वजह से जांच दर में गिरावट नहीं आनी चाहिए। चूंकि, स्थिति हर पल बदल रही है, ऐसे में ऐक्टिव केसों में जरा सी बढ़त या फिर पॉजिटिविटी दर बढ़ने जैसे शुरुआती संकेतों को लेकर सचेक रहना चाहिए। अगर किसी छोटे इलाके में केसों में वृद्धि देखी जा रही है तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों के आधार पर कदम उठाकर उसे स्थानीय स्तर पर ही सीमित किया जाए।
इसके अलावा कोरोना के खिलाफ फिलहाल टीकाकरण ही एकमात्र सबसे बड़ा हथियार है। यह संक्रमण की चेन तोड़ने में सबसे ज्यादा मददगार है। इसलिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह कहा गया है कि वे टीकाकरण बढ़ाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा आबादी को तेजी से टीका लगाया जा सके। आखिर में राज्यों से कहा गया है कि वे प्रतिबंधों में ढील जरूर दें लेकिन शर्तों के साथ और स्थिति पर पैनी नजर रखे ताकि कोरोना नियमों की जरा भी अनदेखी न हो सके।