रायगढ़. विगत दिनों ग्राम झगरपुर में रथयात्रा के दौरान स्थानीय निगरानीशुदा बदमाश सलीम खान के द्वारा मेला में खुडखुड़िया जुआ खेलाया जा रहा था। उसी दौरान एक व्यक्ति से सलीम पैसा मांगने लगा। पैसा देने से इनकार करने पर सलीम द्वारा पीड़ित को गाली गलौज देते हुए मारपीट कर पैसे छीन लिए। अब पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की है। रायगढ़ जिले के लैलूंगा थाना अंतर्गत आनेवाले ग्राम झगरपुर निवासी सोमनाथ प्रधान ने रायगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचकर एक शिकायत देते हुए अपनी आपबीती सुनाई।
पीड़ित ने बताया कि 16 जुलाई की शाम लगभग 7 बजे ग्राम के निवासी सलीम खान जो कि निगरानी गुंडा बदमाश है। वह शराब के नशे में धुत था। और पीड़ित को शराब पीने के लिए रुपयों की मांग करने लगा पीड़ित द्वारा रुपये देने से मना करने पर मां बहन की अश्लील गालियां देते हुए लात और धूसो से मारपीट करना शुरू कर दिया जिससे पीड़ित के कमर कंधा और सिर में चोट लगी है। तथा मारपीट कर उसके जेब में रखें 750 रुपए को जबरदस्ती लूट लिया और मामले की शिकायत किसी करने पर तुम्हें जिंदा जला दूंगा कहकर धमकी दिया। उक्त घटना को गांव के कोमल राठिया, यशवंत सिदार, शनिल राठिया, और गोलू खान व अन्य लोगों ने देखा है।
जैसे तैसे पीड़ित अपनी जान बचाकर वहां से भागा और अपने घरवालों को घटना के संबंध में बताया तथा परिजनों की सलाह पर रिपोर्ट लिखाने रात 8 बजे लैलूंगा थाने पहुंच गए। जहां लैलूंगा थाने में मुंशी उदयनाथ राठिया को पीड़ित परिजनों द्वारा आपबीती सुनाते हुए रिपोर्ट लिखने और कार्यवाही करने हेतु निवेदन किया तो मुंशी के द्वारा आरोपी को फोन लगाकर सिर्फ घटना के संबंध में पूछताछ की गई। मगर पीड़ितों की रिपोर्ट नहीं लिखी गई और मुंशी के द्वारा मेरे घर जाने का समय हो गया कह कर थाने से चले गए तथा उस समय थाना प्रभारी उपस्थित नहीं थे। रिपोर्ट नहीं लिखे जाने पर वापस घर को लौट गए। अब न्याय की गुहार लेकर नवपदस्थ एसपी के कार्यालय पहुंचकर फरियाद की है। उसे उम्मीद है कि आरोपी को विधि अनुसार पुलिस कार्रवाई करेगी ताकि उसका दहशत इलाके से खत्म किया जा सके
जिले के थानों में पीड़ितो को नही मिलता न्याय
लैलूंगा के गांव झगरपुर से आए सोमनाथ की यह अकेली शिकायत नही है कि थानेदार दबंगो तथा राजनीतिक पकड़ वालों की शिकायत नही सुनते इससे पहले भी रायगढ़ जिला मुख्यालय के थाने के अलावा अन्य थानों में भी होता रहा है जहां अगर कोई पीड़ित अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ शिकायत करते हैं तो उन्हें न्याय देने की बजाए या तो भगा दिया जाता है या फिर उनकी शिकायत को ही झूठी बता दिया जाता है।
ऐसा ही एक मामला दो माह पूर्व रायगढ़ सिटी कोतवाली में भी आ चुका है। जहां एक पीड़ित महिला ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में कार्यरत एक बाबू के खिलाफ गंभीर शिकायत दी थी इस शिकायत की कापी प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सहित अन्य बड़े अधिकारियों को भी भेजी गई थी लेकिन पूर्व पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के कार्याकाल में एसपी कार्यालय में पदस्थ अपने कर्मचारी को बचाने के लिए महिला की शिकायत को न केवल झूठी बता दिया बल्कि दो दिन के भीतर महिला के खिलाफ जांच के साक्ष्य मिटाने के अलावा उसके आवेदन को झूठा बताते हुए न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल कर दिया। मजे की बात यह है कि पीड़ित महिला के खिलाफ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी ने अपने कुछ अपराधिक छवि वाले साथियों के साथ मिलकर सोशल मीडिया में न्यायालय में दायर चालान एवं इस्तगाशा पेश होनंे से पहले ही खूद की पीठ थपथपा ली थी।
नए पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा के आने के बाद ऐसे मामलों में पीड़ितों को न्याय मिलेगा ऐसा वहां पहुंचने वाले पीड़ित मानते हैं। चूंकि इससे पहले थाना प्रभारी व पुलिस अधीक्षक कार्यालय के कथित गठजोड से गंभीर मामलों में लीपापोती की कई शिकायतें हो चुकी है। अब अगर गंभीरता से शिकायतों की जांच की जाए तो कई थानेदारों की कलई खुल सकती है।