रायगढ़. शादी के बाद विवाहिता को पहले दहेज के लिए प्रताड़ित करना और उसके बाद मारपीट करते हुए बहु को घर से भगा देना उसके बाद भी लड़के वाले राजनीतिक दबाव का फायदा उठाते हुए उल्टे ही एक के बाद एक धमकी देकर लड़की पक्ष को बदनाम करने की लगातार कोशिश करे और पीड़ित पक्ष को इंसाफ नही मिले तो इसे क्या कहा जाए।
यह मामला जांजगीर चांपा जिले के अंतर्गत आने वाले ग्राम पोता का है जहां रायगढ़ जिले की खरसिया तहसील में रहने वाली लड़की के पिता पन्नालाल गबेल हमालपारा खरसिया ने 4 अपै्रल 2017 को मालखरौदा के ग्राम पोता में रहने वाले श्रवण बघेल के साथ अपनी बेटी की शादी की थी। शादी के कुछ माह बाद से ही श्रवण गबेल, सास बीराकुंवर, डेढ सा सारिका गबेल, मौसी सास मनोरमा गबेल द्वारा ताने देते हुए पहले दहेज कम लाने को कहते हुए प्रताडना देनी शुरू कर दी उसके बाद मारपीट करते हुए जान से मारने की कोशिश की। इसके बाद भी पन्नालाल की बेटी ने ससुराल वालांे से दहेज और नही मांगने की विनती की तो पूरे परिवार वालों ने उसे घर से निकाल दिया।
इस प्रताड़ना और लगातार मारपीट से तंग आकर पन्नालाल ने अपनी बेटी के माध्यम से मालखरौदा थाने सहित बिलासपुर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक, जांजगीर चांपा के पुलिस अधीक्षक के अलावा अन्य पुलिस अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगाई। लिखित शिकायत देने के बाद संबंधित थाने में ससुराल पक्षों के खिलाफ मामला तो दर्ज हुआ लेकिन कोई कार्रवाई नही होनें से लडकी पक्ष के लोग खासे परेशान है। इतना ही नही पुलिस में मामला दर्ज होनें के बाद लड़के पक्ष वालों ने राजनीति दबाव का उपयोग करते हुए पुलिस से मिलकर उल्टे ही पीड़िता, पीड़िता के पिता पन्नालाल सहित उनके परिवार वालों के खिलाफ अलग-अलग तरीके से बदनाम करना शुरू कर दिया और झूठी शिकायतें करके उन्हें जेल भेजने की धमकी देने लगे।
इस पूरे मामले में दुखद पहलू यह है कि विवाहिता व उसके परिवार को पुलिस इंसाफ नही दे रही है जिसके चलते बीते चार साल से पूरा परिवार न केवल दहशत में है बल्कि बदनामी के डर से घरों में ही कैद होकर रह गए हैं। देखना यह है कि जांजगीर चांपा के नए पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और पीड़िता व उसके परिवार को इंसाफ दिलाने क्या पहल करते है।