रायपुर । रायपुर के रावनभाटा बिजली सब स्टेशन में शनिवार की दोपहर एक हादसा हो गया। इस हादसे में एक कर्मचारी की मौत हो गई। दूसरे के हाथ और पैर फ्रैक्चर हो गए हैं। घायल युवक को फौरन इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। चश्मदीद कर्मचारियों के मुताबिक सब स्टेशन में शनिवार को मेंटेनेंस का काम किया जाना था। खंभों पर चढ़कर 24 साल का श्रीराम पटेल काम कर रहा था। इतने में अचानक किसी ने लाइन की बिजली सप्लाई को ऑन कर दिया। चंद सेकेंड्स में ही श्रीराम को तेज झटका लगा।
जोरदार आवाज के साथ चिंगारी निकली और श्रीराम का शरीर वहीं खंभे पर अकड़ गया। के रावनभाटा बिजली सब स्टेशन में शनिवार की दोपहर एक हादसा हो गया। इस हादसे में एक कर्मचारी की मौत हो गई। दूसरे के हाथ और पैर फ्रैक्चर हो गए हैं। घायल युवक को फौरन इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। चश्मदीद कर्मचारियों के मुताबिक सब स्टेशन में शनिवार को मेंटेनेंस का काम किया जाना था। खंभों पर चढ़कर 24 साल का श्रीराम पटेल काम कर रहा था। इतने में अचानक किसी ने लाइन की बिजली सप्लाई को ऑन कर दिया। चंद सेकेंड्स में ही श्रीराम को तेज झटका लगा। जोरदार आवाज के साथ चिंगारी निकली और श्रीराम का शरीर वहीं खंभे पर अकड़ गया।
इसी दौरान दूसरा कर्मचारी अमित साहू नीचे गिर गया, उसे भी चोटें आईं हैं। हादसे के बाद हड़बड़ाकर कर्मचारियों ने सब स्टेशन की बिजली बंद की और श्रीराम के शव को खंभे से उतारा गया। अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक श्रीराम कवर्धा का रहने वाला था। घायल कर्मचारी अमित आरंग का निवासी है। बिजली विभाग की टीम दोनों के परिजनों से संपर्क कर उन्हें घटना की जानकारी दी है। मृतक का शव पोस्टमार्टम के बाद देर शाम तक परिजनों को सौंपा जाएगा।
इस घटना की खबर पाकर मौके पर पहुंचे संविदा कर्मचारी संघ के अभिषेक वर्मा ने बताया कि इन्हीं वजहों से हमनें कुछ दिनों पहले रायपुर में धरना दिया। संविदा कर्मचारियों को खंभों पर चढ़ाकर काम कराया जाता है, जबकि ये काम लाइनमेन का है। इस तरह के कई हादसे पहले भी हो चुके हैं। मगर जिस व्यक्ति की चूक की वजह से लाइन में बिजली चालू की गई उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
शनिवार दोपहर को घटी इस घटना में भी चूक किसने की उसका अब तक पता नहीं चला है। बीते तीन सालों में इस तरह के 100 से अधिक हादसे प्रदेश में हो चुके हैं। 25 संविदाकर्मियों की मौत हो चुकी है। सिर्फ 2021 में अब तक 10 कर्मचारियों की इसी तरह जान जा चुकी है। पिछले दिनों हुए आंदोलनों की वजह से अब विभाग ने संविदाकर्मियों के इलाज और हादसे में मौत के बाद परिजनों को बीमा की राशि देने की ओर ध्यान देना शुरू किया है।