संशोधन प्रस्ताव तैयार कर शासन को किया जाएगा प्रेषित
रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद में आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने लगातार महिलाओं के प्रकरणों में तेजी से काफी जन सुनवाई किया लगभग 1,500 प्रकरणों की जनसुनवाई कर चुकी है, इस दौरान अध्यक्ष ने पाया कि महिला आयोग का अधिनियम तत्कालीन म.प्र. शासन का कानून है जो छत्तीसगढ़ के वर्तमान में कई मुद्दों पर इसे सशक्त करने की आवश्यकता प्रतीत हुई। अतः संशोधन की आवश्यकता को देखते हुए आज दिनांक 25.09.2021 को एक महत्वपूर्ण बैठक रखी गई।
महिला सशक्तिकरण, महिलाओं के संवैधानिक एवं विधिक अधिकारों के संरक्षण एवं संर्वधन हेतु बदले हुए परिवेश के आलोक में आयोग के वर्तमान अधिनियम एवं विनियम प्रक्रिया में संशोधन किए जाने की आश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए आज पूर्वान्ह में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय में एक बैठक आहूत की गयी।
इस बैठक में महिला आयोग अधिनियम 1995 अंतर्गत अधिनियम के नाम, विस्तार और प्रांरभ, परिभाषा, राज्य महिला आयोग गठन, अध्यक्ष, सदस्यों की पदावधि तथा सेवा शर्तो, वेतन भत्तो का भुगतान, समितियॉ, आयोग द्वारा विनियमित की जाने वाली प्रक्रिया, आयोग के कृत्य, वार्षिक रिपोर्ट, राज्य सरकार से परामर्श, नियम बनाने की शक्तियों आदि विषय पर चर्चा करते हुए समस्त सम्मिलित सहभागियों ने अपने अनुभवों को सांझा करते हुए अधिनियम एवं विनियम प्रक्रिया में संशोधन हेतु अपने सुझाव दिए है, जिस आधार पर संशोधन प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित किया जाएगा। जिससे महिला आयोग के कार्यों में गति आएगी।
उक्त बैठक में आयोग के अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक, सदस्य सुश्री शशिकांता राठौर, श्रीमती अनीता रावटे,श्रीमती अर्चना उपाध्याय, आयोग के पूर्व सदस्य श्रीमती खिलेश्वरी किरण एवं श्रीमती ममता साहू, छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के सचिव श्री के. एस. ध्रुव, छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग के सचिव श्री बी. एल. बंजारे, राज्य स्तरीय संसाधन केन्द्र के संयुक्त संचालक श्री एस. के. चौबे, महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक श्रीमती क्रिस्टीना एस. लाल एवं उप संचालक श्री आर. जे. कुशवाहा, प्रभारी सचिव अभर देवांगन, आयोग के पूर्व विधि सलाहकार श्री एल. के. मढरिया, प्रख्यात अधिवक्ता सुश्री शमीम रहमान, विनोद भारत, डॉ अखिलेश भारद्वाज सम्मिलित हुए।